अलीगढ़: साध्वी प्राची के मस्जिद में हवन करने के ऐलान से गर्माया माहौल, गांव में भारी पुलिस फोर्स की तैनात

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ (Aligarh) जनपद के टप्पल थाना क्षेत्र के नूरपुर गांव (Noorpur Village) में हिंदुओं के पलायन के मामले में अब विश्व हिंदू परिषद की नेत्री साध्वी प्राची (Sadhvi Prachi) की इंट्री हो गई है। उन्होंने गांव की मस्जिद में हवन (Havan in Mosque) करने का ऐलान करके प्रशासन और मुस्लिम समुदाय की टेंशन बढ़ा दी है। साध्वी प्राची के इस ऐलान के बाद गांव में भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है।


विश्व हिंदू परिषद की नेत्री साध्वी प्राची ने मुस्लिम समुदाय द्वारा दलित युवक की बारात पर हमला करने के बाद मस्जिद में हवन करने का ऐलान किया था। हालांकि, वह रविवार को टप्पल थाना क्षेत्र के नूरपुर गांव नहीं पहुंची। लेकिन इस दौरान भगवा दलों से जुड़े कई कार्यकर्ता गांव के पास पहुंचे और अंदर जाने को लेकर पुलिस से बहस भी हुई। लेकिन पुलिस की सख्ती के आगे उन्हें वापस लौटना पड़ा। फिलहाल साध्वी प्राची का दौरा अभी तक टला नहीं है और इस वजह से इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है।


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ये है पूरी घटना


टप्पल थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव नूरपुर में दलित समुदाय के लोगों ने आरोप लगाया है कि मुस्लिम संप्रदाय के लोग उन्हें प्रताड़ित करते हैं। यहां तक कि गांव में उनकी बारात नहीं चढ़ने दी जाती। जिसके चलते करीब 100 परिवार यहां से पलायन कर रहे हैं। दलितों ने अपने घरों के बाहर ‘यह मकान बिकाऊ है’ लिख रखा है।


मामला सुर्खियों में तब आया जब बीती 26 मई को गांव के निवासी अनुसूचित जाति के ओमप्रकाश की दो बेटियों की बारात को चढ़ने से रोका गया। वहीं इसी दौरान संप्रदाय विशेष की भीड़ ने बारातियों पर लाठी, डंडों और रॉड से हमला बोल दिया, जिससे गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं और दो बाराती गंभीर रूप से घायल हो गए।


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रविवार को यह मामला सोशल मीडिया पर जब उठा तो पुलिस ने वकील, कलुआ, मुस्तकीम, सरफू, अंसार, सोहिल, फारुख, अमजद, तौफीक, सहजोर और लहरू के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। ग्रामीणों के मुताबिक मुस्लिम समुदाय के लोग गांव में धर्मांतरण के लिए दबाव बनाते हैं और साथ ही प्रलोभन भी देते। जिसके चलते आज उनकी जनसंख्या हिंदुओं से 8 गुनी हो गई है। छोटे से गांव में तीन मस्जिदें और एक बड़ा मदरसा है जो कि हाल ही में बना है।


पीड़ितों के मुताबिक आज गांव में 800 से अधिक मुस्लिम परिवार हैं तो वहीं हिंदू परिवारों की संख्या करीब 100 बताई जा रही है। आबादी अधिक होने की वजह से ये लोग इलाके में अपनी मनमानी करने लग गए हैं। उनका कहना है कि मुसलमानों के अत्याचारों से परेशान होकर अपने घरो के दरवाजों पर ‘मकान बिकाऊ है’ लिख रखा है, ताकि खरीददार मिल जाए और हम किसी सुरक्षित जगह पर घर बसा सकें।


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