राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर इलाके में एप्पल कंपनी के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी हत्याकांड में एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए यूपी पुलिस के सिपाही विरोध कर रहे हैं। यूपी पुलिस के कई पुलिसकर्मियों ने पांच अक्टूबर को काला दिवस के रूप में मनाया और बाजू पर काली पट्टी बांधकर विरोध भी जताया। कानपुर में भी पुलिसकर्मी आरोपी सिपाही का समर्थन कर रहे हैं। इस हत्याकांड के आरोपी का पक्ष लेते हुए बीटेक पास सिपाही ने कहा कि हम प्रशांत के साथ हैं, ज्यादा से ज्यादा बर्खास्त कर दिया जाएगा।
किसी की गलत बात बर्दाश्त नहीं करूंगा
सूत्रों के मुताबिक, नाम नहीं छापने की शर्त पर एक बीटेक पास सिपाही ने कहा कि इतना पढ़ा-लिखा हूं कि कहीं भी नौकरी कर लूंगा। उसने कहा कि नौकरी नहीं तो अपनी दुकान खोल लूंगा लेकिन किसी की गलत बात बर्दाश्त नहीं करूंगा। कई पुलिसकर्मियों ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा है कि समय के साथ पुलिस रेगुलेशन के नियमों को भी बदलना चाहिए।
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उनका कहना है कि आला अधिकारियों को अधिनस्थ के प्रति व्यवहार बदलना चाहिए। सिपाहियों का कहना है कि आलाधिकारियों को जनता के साथ-साथ पुलिसकर्मियों की समस्याएं भी सुननी चाहिए। सिपाहियों के मुताबिक, उनकी समस्या सुनने के लिए अधिकारियों को उनके बीच अाना चाहिए।
बीटेक-एमबीए पास हैं यूपी पुलिस में सिपाही
सूत्र बताते हैं कि सिपाहियों ने बताया है कि उत्तर प्रदेश पुलिस में बीटेक और एमबीए तक की पढ़ाई करने वाले सिपाही बनकर विभाग में नौकरी कर रहे हैं। ऐसे में उनका मानना है कि पहले इस विभाग में कम-पढ़े लिखे लोग पुलिसकर्मी होते थे, जो अधिकारियों का विरोध नहीं कर पाते थे। लेकिन अब पुलिस विभाग में पढ़े-लिखे युवा सिपाही की नौकरी कर रहे हैं।
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उनका कहना है कि अधिकारियों को उनकी समस्या का भी समाधान करना चाहिए। सिपाही अपनी समस्या लेकर आला अधिकारियों के पास जाने में कतराते हैं, उन्हें लगता है कि अधिकारी उनकी समस्या नहीं सुनेंगे। यही वजह हैं सिपाही चाहते हैं कि उनकी समस्याओं को सुना जाए और हर संभव मदद का आश्वासन दिया जाए।
काली पट्टी बांध कर विरोध करने वाले पुलिसवालों पर गिरी गाज
बता दें कि शुक्रवार को डीआईजी एलओ प्रवीण कुमार बताया कि काली पट्टी बांधकर अनुशासनहीनता करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया है कि नाका, गुडंबा और अलीगंज के सिपाहियों पर एक्शन लिया गया है। इन सिपाहियों पर विभागीय कार्रवाई की जा रही है। डीआईजी ने बताया है कि तीन सिपाहियों को निलंबित किया गया है। साथ ही एसएसपी ने तीन थाना प्रभारियों को हटा दिया है। नाका प्रभारी परशुराम सिंह, अलीगंज प्रभारी राजेश कुमार यादव और गुडंबा प्रभारी धर्मेश शाही को अनुशासनहीनता करने के मामले में लाइन हाजिर कर दिया गया है।
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उन्होंने बताया कि एटा के सिपाही सर्वेश चौधरी को निलंबित कर दिया गया है, जबकि मिर्जापुर में बर्खास्त सिपाही अविनाश को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया है कि मिर्जापुर और बनारस में दो गिरफ्तारियां की गई है। डीआईजी ने बताया है कि चंदा इकट्ठा करने वाले मामले की जांच की जा रही है। डीआईजी प्रवीण कुमार ने कहा है कि पुलिसकर्मियों के संगठित होने की बात भ्रामक है।
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