पहलवानों के आरोपों के बाद भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने 2 मुकदमे दर्ज किए हैं। एफआईआर (FIR) दर्ज होने के बाद पहली बार बृज भूषण शरण सिंह मीडिया से मुखातिब हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं अपने पद से इस्तीपा नहीं दूंगा, क्योंकि अगर मैंने ऐसा किया तो इसका मतलब यह है कि मैंने इनके आरोपों को स्वीकार कर लिया है। इस्तीफा देना बड़ी बात नहीं है, मगर अपराधी बनकर नहीं।
शनिवार को गोंडा जनपद में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बीजेपी सांसद ने कहा कि जांच समिति की रिपोर्ट इनके पास लगातार पहुंच रही थी। इनको जबा लगा कि जांच समिति में कोई आरोप सिद्धा नहीं हो रहा है तो इन्होंने समीति के रिपोर्ट को सार्वजनिक होने का इंतजार नहीं किया और एक नए मामले के साथ सुप्रीम कोर्ट चले गए।
बीजेपी सांसद बृज भूषण शरण सिंह ने कहा कि इसमें फेडरेशन की कोई भूमिका नहीं है। इन लोगों की मांग लगातार बदलती है। जनवरी में इस्तीफा देने की इनकी मांग थी। मैंने तब भी कहा था कि अगर मैंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया तो इसका मतलब ये है कि मैंने इनके आरोपों को स्वीकार कर लिया है। इस्तीफा देना बड़ी बात नहीं है, मगर अपराधी बनकर नहीं।
उन्होंने कहा कि मैं शुरू से ही कह रहा हूं कि इसमें देश के कुछ उद्योगपतियों, जिनको मुझसे परेशानी है और कांग्रेस का हाथ है। आज दिख गया कि इसमें किसका हाथ है। मैं कहना चाहता हूं कि एक ही परिवार और एक ही अखाड़ा क्यों? हरियाणा के अन्य खिलाड़ी क्यों नहीं? हिमाचल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश आदि राज्यों के खिलाफ क्यों नहीं? 12 साल से लगातार इनके साथ यौन उत्पीड़न हो रहा है, वो यौन उत्पीड़न देश के अन्य खिलाड़ियों के साथ क्यों नहीं होता है?
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