लंबे समय से जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे सपा अध्यक्ष और तीन बार सीएम रहे मुलायम सिंह यादव का मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन के समय अस्पताल में उनके परिवार के सभी सदस्य मौजूद थे। इस खबर के आते ही समाजवादी पार्टी में शोक की लहर दौड़ गई। उनके निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी समेत सभी दिग्गजों ने दुख व्यक्त किया है। मुलायम सिंह यादव का शुरुआती जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा है। यही वजह है कि लोग उनके जीवन के बारे में जानना चाहते हैं। एक समय था जब मुलायम सिंह यादव का एनकाउंटर करने के आदेश दिए गए थे। जिसके बाद उन्होंने पूर्व सीएम चौधरी चरण सिंह से मदद ली थी। उस दिन का दिन है और आज का दिन है, तब से मुलायम सिंह यादव का एनकाउंटर करने जा रही पुलिस जीवन भर के लिए उनकी सुरक्षा में तैनात हो गई।
पुलिस से ही मिली थी सूचना
1981-1982 के बीच देश के एक काफी नामी अखबार में ये खबर सामने आई थी कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के सीएम रहे विश्वनाथ प्रताप सिंह ने मुलायम सिंह के एनकाउंटर के आदेश दे दिए थे। उनको ऐसी खबर मिली थी कि मुलायम सिंह के डकैतों से संबंध थे। क्योंकि इस वक्त इटावा के आस पास डकैतों का काफी राज था। इतना ही नहीं मुलायम सिंह यादव पर हत्या का भी आरोप था। इस एनकाउंटर के लिए पुलिस कदम बढ़ाती उससे पहले ही यूपी पुलिस के माध्यम से ही ये सूचना मुलायम सिंह तक पहुंच गई थी।
चौधरी चरण सिंह से मांगी थी मदद
बस फिर क्या था, मुलायम ने अपनी जान बचाने के लिए न गाड़ी देखी न कोई और सुविधा, बस साइकिल से ही इटावा से फरार हो गए। गांव-गांव, खेत-खेत होते हुए किसी न किसी तरह दिल्ली पहुंचे। यहां वे सबसे पहले चौधरी चरण सिंह के घर गए और उनके पैर पकड़ लिए। उनसे कहा कि वीपी सिंह ने मेरे एनकाउंटर का आदेश पुलिस को दे दिया है। किसी तरह मेरी रक्षा कीजिए। पुलिस को मुलायम सिंह के इस तरह भागने की भनक तक नहीं हुई थी। जब मुलायम चौधरी चरण सिंह के पास गए तो उन्होंने मुलायम सिंह को अपनी पार्टी में उत्तर प्रदेश विधान मंडल दल का नेता बना दिया। इस बात की घोषणा होते ही जो पुलिस मुलायम का एनकाउंटर करने वाली, वही पुलिस उनकी सुरक्षा में लग गई।
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