उत्तर प्रदेश के बलरामपुर (Balrampur) 9 में एक शख्स ने अपनी बीवी को तीन तलाक (Triple Talaq) केवल इसलिए दे दिया क्योंकि उसने एक दिव्यांग बेटी को जन्म दिया था. पति ने पत्नी को तीन तलाक देकर दो मासूम बच्चों के साथ उसे घर से भगा दिया. 5 वर्ष की दिव्यांग बेटी और डेढ़ वर्ष के मासूम पुत्र को लेकर मां अब दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है. यही नहीं पीड़िता के जेठ अपने उसपर हलाला के लिए दबाव बना रहे हैं. पीड़ित महिला ने एसपी से इंसाफ की गुहार लगाई है.
जानकारी के मुताबिक यह पूरा मामला तुलसीपुर थाना क्षेत्र के लाल चौराहे का है. पीड़िता रफत राबिया की शादी 29 दिसंबर 2015 में कोतवाली नगर क्षेत्र के गोविंद बाग निवासी आदिल अहमद के साथ हुई थी. एसपी हेमंत कुटियाल को दिए गए प्रार्थना पत्र में पीड़िता ने आरोप लगाया है कि उसकी 5 वर्षीय पुत्री पूर्णतः दिव्यांग है, जबकि डेढ़ वर्ष का पुत्र भी सुचारू रूप से बोल नहीं पाता है. पीड़िता ने आरोप लगाया है कि उसका पति और ससुराल वाले आये दिन दिव्यांग बेटी को जन्म देने का ताना देते थे और पीड़िता को दहेज लाने के लिए लगातार प्रताड़ित भी करते थे. पीड़िता ने कहा कि उसके पति और ससुराल वालों ने 17 जुलाई, 2021 को उसे बेरहमी से मारा-पीटा.
बाद में पति आदिल ने उसकी इच्छा के विरुद्ध तीन तलाक देकर पीड़िता को उसके नाबालिग बच्चों सहित घर से भगा दिया. पीड़िता इस घटना के बाद अपने मां के घर रहने लगी. इस दौरान ससुराल पक्ष के लोगों को समझाने बुझाने का प्रयास किया लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला. पीड़िता भी यह सोचकर इंतजार करती रही कि शायद उसका पति सब कुछ भूलकर और बच्चों पर तरस खाकर उसे सहारा दे देगा.
लेकिन 25 अगस्त को पति आदिल अहमद अपने दो भाइयों जमील अहमद और अकील अहमद के साथ पीड़िता के मां के घर पहुंचा और उसे भद्दी-भद्दी गालियां देते हुए कहा कि तुझे तलाक तो दे ही दिया है अब तुम पर हमारा कोई मतलब नहीं है. पीड़िता ने आरोप लगाया है कि उसके जेठ जमील अहमद और अकील अहमद ने उसका शारीरिक शोषण करने के उद्देश्य से कहा कि हमारे साथ हलाला कर लो फिर हम तुम्हारा पुनः निकाह आदिल अहमद से करवा देंगे.
तीन तलाक पीड़िता इस वक्त सदमे में है और उसने पुलिस अधीक्षक से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है. पीड़िता ने एसपी से ससुरालजनों पर समुचित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उचित कार्रवाई करने की मांग की है. पुलिस अधीक्षक हेमंत कुटियाल ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. पूरे मामले की जांच कर संबंधित थाने में मुकदमा पंजीकृत किया जाएगा. दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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