कानपुर (Kanpur) के सजेती थाना क्षेत्र के कोटरा गांव से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां घरेलू विवाद के मामले में फंसे जीतू निषाद (Jeetu Nishad) को पुलिस ने न केवल प्रताड़ित किया, बल्कि उससे 50,000 की रिश्वत भी मांगी। इस अपमान और मानसिक उत्पीड़न से आहत होकर जीतू ने आत्महत्या कर ली।
पुलिस ने मांगी थी रिश्वत, अनाज बेचकर जुटाए पैसे
जानकारी के मुताबिक, पत्नी से विवाद के बाद पुलिस जीतू के घर पहुंची थी। इस दौरान पुलिस ने उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया और 50,000 की मांग की जिसमें 2500 पर बात तय हुई थी। जीतू ने किसी तरह अनाज बेचकर 2000 की रकम पुलिसवालों को दे भी दिए, लेकिन बाकी 5000 की रकम ना दे पाने की स्थिति में उत्पीड़न जारी रहा। लगातार दबाव में रहने के कारण जीतू ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
परिजनों का आरोप
जीतू के परिजनों ने पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि जीतू को बेवजह पीटा गया और पैसे न देने पर उसे धमकाया गया। यही उत्पीड़न उसकी आत्महत्या की वजह बना। परिजनों के आरोपों के बाद पूरे गांव में आक्रोश का माहौल है और ग्रामीणों ने जोरदार विरोध दर्ज कराया है।
विधायक और डीसीपी मौके पर पहुंचे
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय विधायक सरोज कुरील और डीसीपी दक्षिण दीपेंद्र चौधरी गांव पहुंचे। डीसीपी ने परिजनों से मुलाकात कर उनकी बात सुनी और प्रथम दृष्टया पुलिसकर्मियों की गलती मानते हुए कार्रवाई की घोषणा की।
पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज, दो अधिकारी निलंबित
पुलिस विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इंस्पेक्टर गौरव सोलिया और हेड कांस्टेबल रवि सिंह के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। दोनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित भी कर दिया गया है। इसके साथ ही जीतू के ससुर और पत्नी के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है।
डीसीपी का बयान
डीसीपी दीपेंद्र चौधरी ने बताया कि 9 जून 2025 को कोटरा गांव निवासी रमेश सिंह ने 112 और थाना पुलिस को सूचना दी कि उनके बेटे जीत बहादुर ने आत्महत्या कर ली है। जांच में यह सामने आया कि 4 जून को घरेलू विवाद की शिकायत के बाद स्थानीय सब इंस्पेक्टर ने जीतू को थाने बुलाया और पिटाई की। इस दौरान उससे पैसे भी मांगे गए। इन घटनाओं से आहत होकर जीतू ने अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली।
जांच जारी
फिलहाल पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है। ग्रामीणों और परिजनों की मांग है कि दोषियों को कठोर सजा दी जाए।