बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पहली बार चुनाव लड़ने वाली जनसुराज पार्टी (Jansuraj Party) के नेता और रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) ने कांग्रेस (Congress) महासचिव और केरल की वायनाड सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) से मुलाकात की। इस मुलाकात ने पटना से लेकर दिल्ली तक राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। सूत्रों का कहना है कि यह बैठक साल 2027 में होने वाले यूपी, पंजाब सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की तैयारी को लेकर हुई। हालांकि, दोनों दलों की ओर से इस मुलाकात पर कोई आधिकारिक बयान अभी तक नहीं आया है।
बिहार चुनाव के परिणाम और मुलाकात का समय
यह मुलाकात बिहार विधानसभा चुनाव के लगभग एक महीने बाद हुई, जिससे इसे केवल शिष्टाचार से बढ़कर राजनीतिक संकेत माना जा रहा है। किशोर लंबे समय तक कांग्रेस के आलोचक रहे हैं और अब उनके कांग्रेस में संभावित प्रवेश की चर्चा जोरों पर है। राजनीतिक विशेषज्ञ इसे विचार-विमर्श का हिस्सा बता रहे हैं, जबकि राजनीतिक सर्कल इसे बड़े बदलाव की दिशा में कदम मान रहे हैं।
जनसुराज पार्टी का कमजोर प्रदर्शन
बिहार चुनाव में जनसुराज पार्टी का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। पार्टी एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हो पाई और 238 उम्मीदवारों में से 236 की जमानत जब्त हो गई। इस हार ने किशोर की रणनीतिक विश्वसनीयता और भविष्य की दिशा पर सवाल खड़े कर दिए। वहीं, कांग्रेस भी पिछली बार की तुलना में कमजोर रही और 61 सीटों में केवल छह पर सिमट गई। इस साझा राजनीतिक चुनौती ने दोनों पक्षों के बीच संवाद की राह बनाई।
राजनीतिक विशेषज्ञों की राय
विश्लेषकों का मानना है कि यह मुलाकात सिर्फ औपचारिक नहीं बल्कि संभावनाओं की पड़ताल भी हो सकती है। कांग्रेस नई ऊर्जा और रणनीतिक दिशा की तलाश में है, जबकि किशोर राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय मंच की तलाश में हैं। इसको इस नजरिए से देखा जा रहा है कि यह कांग्रेस में उनके संभावित शामिल होने का संकेत हो सकता है, हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
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गांधी परिवार के साथ पुराना रिश्ता
प्रशांत किशोर और गांधी परिवार का जुड़ाव नया नहीं है। 2020 के बिहार चुनाव में उन्होंने कांग्रेस की कुछ नीतियों की आलोचना की थी, लेकिन व्यक्तिगत रूप से उनका चुनावी प्रयोग भी सफल नहीं रहा। 2021 में JDU से निष्कासन के बाद किशोर ने कांग्रेस से संपर्क साधा और पार्टी के लिए पुनरुत्थान का रोडमैप पेश किया। 2022 में सोनिया गांधी के आवास पर हुई बैठक में किशोर ने संगठन सुधार और चुनावी रणनीति पर विस्तृत प्रस्तुति दी थी।
एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप और असहमति
किशोर के प्रस्तावों पर विचार के लिए कांग्रेस ने ‘एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप 2024’ का गठन किया, लेकिन किशोर ने इसे अस्वीकार कर दिया। उन्होंने पार्टी में अधिक स्वतंत्रता और अधिकार की मांग की थी, जिस पर सहमति नहीं बनी। दोनों पक्षों के बीच पहले भी मतभेद रहे हैं, लेकिन बिहार चुनाव के बाद प्रियंका गांधी से हुई मुलाकात ने यह चर्चा फिर से जीवित कर दी है।
अब आगे क्या?
यह मुलाकात कांग्रेस और किशोर के बीच भविष्य की दिशा पर नए सियासी संकेत दे सकती है। सवाल यह है कि क्या कांग्रेस किशोर को बड़ी भूमिका देने के लिए तैयार होगी, या यह केवल विचार-विमर्श तक सीमित रहेगी। फिलहाल, राजनीतिक चर्चाएं और अटकलें तेज हो गई हैं और आने वाले दिनों में दोनों पक्षों की भूमिकाओं पर ध्यान केंद्रित रहेगा।

















































