उत्तर प्रदेश के फतेहपुर से पूर्व सांसद और बीजेपी की वरिष्ठ नेता साध्वी निरंजन ज्योति (Sadhvi Niranjan Jyoti) ने हाल ही में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) से मुलाकात की। इस मुलाकात की तस्वीर उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर साझा की। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि अगले दो-तीन दिनों में उत्तर प्रदेश के नए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा हो सकती है।
भाजपा के यशस्वी राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय @JPNadda जी से शिष्टाचार भेंट के दौरान बिहार विधानसभा में प्राप्त प्रचंड विजयश्री की शुभकामनाएँ दी। pic.twitter.com/Im61Ypr8P1
— Sadhvi Niranjan Jyoti (@SadhviNiranjan) December 4, 2025
प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए कई दावेदार
उत्तर प्रदेश में बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कई नेताओं के नाम चर्चा में हैं। केशव प्रसाद मौर्य, धर्मपाल सिंह, बाबूराम निषाद, रामशंकर कठेरिया, दिनेश शर्मा और स्वतंत्र देव सिंह जैसे नेता लगातार चर्चा में बने हुए हैं। पार्टी के लिए इस बार चुनावी रणनीति और सामाजिक समीकरण दोनों महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।
साध्वी निरंजन ज्योति की बढ़ती लोकप्रियता
हालांकि, प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए सबसे ज्यादा चर्चा साध्वी निरंजन ज्योति के नाम को लेकर हो रही है। वह अति पिछड़े निषाद-मल्लाह समाज से आती हैं और मोदी सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। उनकी हाल की मुलाकात राष्ट्रीय अध्यक्ष से अटकलों को और तेज कर रही है कि उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद मिल सकता है।
मुलाकात में हुई चर्चा
साध्वी निरंजन ज्योति ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि उन्होंने जेपी नड्डा से शिष्टाचार भेंट की और बिहार विधानसभा चुनाव में मिली प्रचंड जीत की बधाई दी। इस मुलाकात को संगठनात्मक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है और इसे पार्टी के भविष्य के निर्णयों से जोड़ा जा रहा है।
बिहार चुनाव अनुभव ने बढ़ाया दांव
हाल ही में साध्वी निरंजन ज्योति को बिहार विधानसभा चुनाव में केशव प्रसाद मौर्य के साथ सह-पर्यवेक्षक के रूप में भेजा गया था। इस अनुभव और उनके राजनीतिक नेतृत्व को देखते हुए विशेषज्ञ मान रहे हैं कि प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए उनका नाम और मजबूत हो गया है। पार्टी के अगले कदम पर अब सभी की निगाहें हैं।
राजनीतिक यात्रा
साध्वी निरंजन ज्योति ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत विश्व हिंदू परिषद, दुर्गा वाहिनी और साध्वी शक्ति परिषद में केंद्रीय पदाधिकारी के रूप में की और राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। 1990 में उन्होंने भाजपा में सक्रिय योगदान देना शुरू किया और 2002 में हमीरपुर विधानसभा सीट से पहला चुनाव लड़ा। 2014 में फतेहपुर से सांसद बनीं और 2019 में फिर से विजयी रही, 2024 में भी वे इसी सीट से भाजपा प्रत्याशी थीं। उन्होंने 2014 में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की राज्य मंत्री के रूप में, 2019 से ग्रामीण विकास मंत्री और जुलाई 2021 से उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण समेत ग्रामीण विकास मंत्री के रूप में जिम्मेदारी निभाई। यूपी में महिला भगवा ब्रिगेड की प्रमुख नेता मानी जाती हैं और हिंदुत्व एजेंडे पर उनकी मजबूत पकड़ है।



