अलीगढ़: ’12 घंटे ड्यूटी के बाद मिलती है बेटे की झलक, चाहकर भी नहीं लगा पाती गले’, महिला सिपाही ने बयां की दास्तां

कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के लिए फ्रंट लाइन वर्कर के तौर पर यूपी पुलिस के जवान ड्यूटी पर मुस्तैद हैं। चाहे लोगों तक समान पहुंचाना हो या फिर Covid अस्पताल में सुरक्षा के मद्देनजर खड़ा होना हो, पुलिस कर्मी हर जिम्मेदारी बखूभी निभा रहे हैं। ड्यूटी की वजह से वो अपने बच्चों तक को गले लगाने में डर रहे हैं। ऐसा हमारा नहीं, बल्कि अलीगढ़ में तैनात एक महिला सिपाही का कहना है। महिला सिपाही 12 घंटे की ड्यूटी के बाद जब घर पहुंचती है तो तुरंत अपने बच्चे को गले भी नहीं लगाती, क्योंकि उन्हें संक्रमण का खतरा रहता है।


कभी कभी बच्चे को छोड़ती हैं पड़ोसियों के पास

दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक, अलीगढ़ जिले के शहंशाह तिराहा निवासी दीपा चौधरी के पति गौरव कुमार भी नोएडा में कांस्टेबल हैं। दो महीने से गौरव इसीलिए घर नहीं आए कि बेटे कबीर को दिक्कत न हो। मां सुबह आठ बजे ड्यूटी पर चली जाती हैं। बेटे की देखभाल करने के लिए एक महिला रखी हुई है। दीपा यहां कोविड हेल्प डेस्क पर अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की मदद करती हैं। लेकिन, उनका मन बेटे में अटका रहता हैं।


Covid से पहले तो कभी-कभार बच्चे को साथ ले आती थी। लेकिन, अब हालात ऐसे नहीं हैं। जब देखभाल करने वाली महिला नहीं आती, तो पड़ोसियों के भरोसे बेटे को छोडऩा पड़ता है। पति भी चिंता करते हैं। वीडियो काल पर बेटे को देखकर खुश हो जाते हैं। दीपा दिनभर बेटे से अलग रहती हैं।


बखूभी निभा रहीं जिम्मेदारी

जब वो ड्यूटी खत्म करके रात आठ बजे घर पहुंचती हैं तो नहाने और खुद को सैनिटाइज करने के बाद बच्चों से मिलती हैं। उनका कहना है कि नौकरी है तो सब एडजस्ट करना पड़ता है। ड्यूटी और बच्चे को एक साथ संभालना वाकई बहुत मुश्किल काम है। ऐसे में covid से खुद को और अपने बच्चे को बचाना उससे भी ज्यादा कठिन काम है लेकिन दीपा उसे बखूभी निभा रहीं हैं।


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