प्रदेश में पुलिसकर्मियों की हत्याओं का सिलसिला थमने का नाम लेता नजर नहीं आ रहा हैं. मामला अमेठी जिले का है, जहां एक महिला दारोगा ने ही अपनी जीवन लीला खत्म कर ली. दरअसल, उपनिरीक्षक अपनी ड्यूटी से दोपहर बाद कमरे पर गई थीं. बाद में कमरे से उनका शव पंखे से लटका मिला. महिला दारोगा का शव यूं मिलने से महकमे मे हड़कंप मच गया. मृतका के पिता ने कहा कि उनकी बेटी ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि उसकी हत्या की गई है. तहरीर दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि थाने का मामला है, इसलिए पुलिस खुद पता लगाए कि उनकी बेटी को थाने के किन लोगों से परेशानी थी. रश्मि लखनऊ की मूल निवासी थी
होगी मामले की जांच
जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को थाने पर होने वाले क्षेत्राधिकारी के विभागीय निरीक्षण की तैयारी को लेकर महिला हेल्पडेस्क प्रभारी रश्मि यादव थाने पर बैठी थीं. दो बजे क्षेत्राधिकारी का विभागीय निरीक्षण स्थगित होने की सूचना आई और वह यह कहकर अपने सरकारी आवास पर चली गई कि अग्रिम आदेश की सूचना देना. इसी दौरान विभागीय सूचना आई कि सीओ के बजाय रात में अपर पुलिस अधीक्षक विभागीय निरीक्षण करेंगे.
सूचना के लिए पुलिस स्टाफ ने उन्हें पहले फोन पर सूचना देने की कोशिश की. फोन न उठने पर पुलिसकर्मी उनके आवास पर गए और आवाज लगाई. दरवाजा न खोलने पर लोगों को शंका हुई. जिस पर पुलिस कर्मियों ने दरवाजा तोड़ा तो वहां का नजारा उलट देखने को मिला. चौकी प्रभारी का शव दुपट्टे से पंखे से लटकता मिला. इस दौरान उनकी कमर में पिस्टल लगी हुई थी.
पिता ने लगाए गंभीर आरोप
वहीं दूसरी तरफ रश्मि के पिता मुन्ना लाल यादव ने कहा कि उनकी बेटी ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि उसकी हत्या की गई है. उन्होंने अमेठी में पत्रकारों से कहा कि उनकी बेटी ने तीन दिन पहले फोन कर कहा था कि उसका तबादला हो जाए तो ठीक है क्योंकि उसे थाने के ही कुछ लोगों की ओर से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मुन्ना लाल ने कहा कि कल जब उनकी बेटी का तबादला हो गया तो वह काफी खुश थी. उन्होंने कहा कि आज उनकी बात नहीं हुई, इसलिए आज क्या हुआ, इस विषय में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.
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