6 दिन की पुलिस कस्टडी में सागर धनखड़ के हत्यारोपी पहलवान सुशील कुमार, सामने आईं कई चौंकाने वाली बातें

बॉलीवुड: भारत देश का गौरव और पहलवानी की दम पर दुनियाभर में अपना नाम रोशन करने ओलंपिक खेलों के पहलवान सुशील कुमार को जूनियर नेशनल चैंपियन सागर धनखड़ की हत्या के आरोप में दिल्ली पुलिस ने रविवार को 6 दिन की रिमांड पर लिया है।पहले तो हत्या के आरोपी सुशील कुमार की पेशी दिल्ली कोर्ट में हुई, इस दौरान 12 दिनों की मांग की गई। मगर, कोर्ट ने उन्हें 6 दिनों की पुलिस कस्टडी में भेजने का फैसला किया। दरअसल, इस घटना के बाद से पहलवान सुशील कुमार कई दिनों तक नदारद रहे। जब ये पकड़ में आए तो इनके फेस पर टॉवेल और दिल्ली पुलिस के विशेष सेल के अफसरों ने उनके दोनों हाथ पकड़े हुए थे। जिस दिन ये सब हुआ, वो दिन विश्व कुश्ती दिवस था।


सुशील के वकील बी एस जाखड़ ने दिल्ली कोर्ट में पेश होने के बाद 12 दिन की रिमांड से जुड़ी मांग का विरोध किया। अपनी दलील में उन्होंने कहा कि ‘जो चीजें बरामद किए जाने की बात कही जा रही है, उन्हें हासिल करने में महज एक दिन लगता है। क्या इससे पहले कभी सुशील कुमार के खिलाफ कोई केस दर्ज हुआ।’


उधर, अडिशनल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर अतुल श्रीवास्तव ने अभियोजन की ओर से रिमांड की अर्जी देते हुए अपनी दलील में कहा कि ‘कुल पांच पीड़ित हैं, जिनमें से तीन को मॉडल टाउन और दो को शालीमार बाग से उठाया गया था। इन पांचों को उठाकर छत्रसाल स्टेडियम लाया गया और वहां जंगली जानवरों की तरह पीटा गया। इसमें एक की मौत हो गई है जो खुद भी एक पदक विजेता पहलवान था। पूरी साजिश का खुलासा करने के लिए रिमांड जरूरी है। क्योंकि आरोपी का असोदा गैंग से संबंध बताया जा रहा है और उनका कहना है कि सोनू नाम का घायल भी किसी गैंग से ताल्लुक रखता है तो इस पूरी साजिश का पता लगाना होगा।’


आगे अपनी दलील में अडिशनल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर अतुल श्रीवास्तव ने कहा ‘आरोपी का किसी गैंग से वाकई संबंध है या नहीं यह स्थापित करना है। प्रत्येक आरोपी की भूमिका स्थापित करनी है। कुछ आरोपी फरार है, जिनके खिलाफ गैर जमानती वॉरंट जारी हो रखा है। उनका पता लगाना है। अपराध के पीछे मकसद स्थापित करना है। क्योंकि सोनू नाम का शख्स कुमार की पत्नी के फ्लैट में किराए पर रहता था और वह घर खाली भी कर चुका था पर उस पर एक महीने का किराया बाकी था पर 20 हजार इतनी बड़ी रकम नहीं जिसके लिए झगड़ा हुआ, इसीलिए असल मकसद पता करना होगा।


इसके बाद अभियोजन पक्ष ने सवाल उठाया। अपने सवाल में उन्होंने पूछा कि ‘कहीं ऐसा तो नहीं कि कोई गैंग इलाके में अपना आतंक स्थापित करने के मकसद में लगा हो? हथियार बरामद करना है, जिसका इस्तेमाल कथित अपराध में हुआ। आरोपी इस बीच जिन जगहों पर छिपा रहा, वहां उसे ले जाना होगा, उन लोगों का पता करना होगा जिन्होंने इसकी छिपने में मदद की, लॉजिस्टिक उपलब्ध कराई। होंडा सिटी कार का पता लगाना है। सीसीटीवी तो डिस्मेंटल कर दिए गए थे, डीवीआर आरोपी के पास हो सकती है जिसे बरामद करना है। कुल मिलाकर पूरी सच्चाई का पता लगाना है और इसके लिए 12 दिनों की रिमांड चाहिए, क्योंकि कोरोना महामारी की वजह से प्रशासन के सामने में कुछ तरह की चुनौतियां हैं।’


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