खतरे में है सनातन धर्म, हिंदुओं को पैदा करने चाहिए अधिक बच्चे: यति नरसिंहानंद सरस्वती

अखिल भारतीय संत परिषद के राष्ट्रीय संयोजक यति नरसिंहानंद सरस्वती महाराज (Yati Narsinghanand Saraswati Maharaj) का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि हिंदुओं को ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करने चाहिए ताकि उनका और उनके परिवार का अस्तित्व केवल नेताओं के भरोसे न रह जाए। उनका ये बयान तब सामने आया है, जब विश्व जनसंख्या दिवस (11 जुलाई) में महज कुछ दिन ही बचे हैं।


जानकारी के अनुसार, अलीगढ़ में 11 जुलाई को वनखंडेश्वर महादेव रामघाट रोड में सनातन वैदिक राष्ट्र की स्थापना व सनातन धर्म की रक्षा के लिए मां बगलामुखी का पांच दिवसीय महायज्ञ आरंभ किया जाएगा। इस सिलसिले में नरसिंहानंद सरस्वती यहां आए हैं। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म का अस्तित्व खतरे में है। एक धर्म विशेष की बढ़ती हुई भयावह और नाजायज आबादी ने न केवल भारतवर्ष अपितु संपूर्ण विश्व के अस्तित्व को खतरे में डाल दिया है।


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नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि हिंदुओं की घटती जनसंख्या अनुपात ने यह तय कर दिया है कि 2029 में भारत का प्रधानमंत्री एक धर्म विशेष का होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे में सनातन धर्म के सभी धर्मगुरुओं को सभी हिंदुओं को विजय और सद्बुद्धि की देवी मां बगलामुखी और महादेव की साधना करनी चाहिए। सद्बुद्धि प्राप्त होने से ही हिंदू अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर सकेगा और सनातन धर्म, अपने परिवार और अपने अस्तित्व की रक्षा में सक्षम बन सकेगा। 


नरसिंहानंद सरस्वती ने धर्म को लेकर अन्य कई विवादित बयान दिए। इस अवसर पर कथाकार आचार्य देवेंद्र शास्त्री, हिन्दू महासभा की राष्ट्रीय सचिव अन्नपूर्णा भारती (डॉ. पूजा सकुन), आचार्य आदित्यनारायण अवस्थी, कपिल वशिष्ठ, अनुराग राय आदि मौजूद थे।


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