जिन्ना विवाद: CM योगी बोले- अखिलेश यादव की मानसिकता बांटने वाली, देश से मांगे माफी

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने जिन्ना की तुलना गांधी और पटेल से करके बीजेपी को बैठे बिठाए मुद्दा दे दिया है. अखलिश के बयान पर अब सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने पलटवार किया है. उन्होंने अखिलेश के बयान को शर्मनाक बताया और कहा कि अखिलेश की मानसिकता बांटने वाली रही है. उनकी मानसिकता तालिबानी है और इस बयान के लिए उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए.

योगी ने कहा, कल मैं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का वक्तव्य सुन रहा था. वह देश तोड़ने वाले जिन्ना की तुलना इस राष्ट्र को जोड़ने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल से कर रहे थे यह अत्यंत शर्मनाक है. सरदार पटेल भारत की एकता और अखंडता के शिल्पी हैं और वर्तमान में पीएम मोदी के नेतृत्व में एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार करने का कार्य किया जा रहा है. लेकिन आजाद भारत को एक भारत के रूप में रखने का श्रेय अगर किसी को जाता है तो वह सरदार वल्लभ भाई पटेल को जाता है.

अखिलेश पर निशाना साधते हुए सीएम ने कहा, कल उनकी विभाजनकारी मानसिकता एक बार फिर से सामने आ गई जब उन्होंने सरदार पटेल को जिन्ना के समकक्ष रखकर देश तोड़ने वाले जिन्ना को महिमामंडित करने का प्रयास किया. भारत की जनता इस विभाजनकारी मानसिकता को कभी स्वीकार नहीं करेगी. यह तालीबानी मानसिकता है जो हमेशा तोड़ने में विश्वास करती है. पहले सामाजिक तानेबानों को जाती के नाम पर तोड़ने की प्रवृति और जब अपने मनसूबों में सफल नहीं हो रहे हैं तो महानपुरुषों पर लांछन लगाकर पूरे के पूरे समाज को अपमानित करने का प्रयास हो रहा है. इस दुष्पकृति को कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता.

योगी ने कहा, पूरे समाज और पूरे प्रदेश को इसकी निंदा करनी चाहिए. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को प्रदेश और देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए कि भारत की अखंडता के शिल्पी सरदार वल्लभ भाई पटेल का यह अपमान यह देश कभी स्वीकार नहीं कर सकता. उनका यह वक्तव्य इसलिए आया है क्योंकि विभाजन की उनकी प्रवृति हमेशा रही है.

क्या बोल गए अखिलेश यादव?
बीते दिन हरदोई में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि सरदार पटेल जमीन को पहचानते थे और जमीन को देखकर फैसले लेते थे. इसीलिए आयरन मैन के नाम से जाने जाते थे. साथ ही कहा कि सरदार पटेल, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और जिन्ना एक ही संस्था से पढ़कर निकले और बैरिस्टर बने और आजादी दिलाई. अगर उन्हें किसी भी तरह का संघर्ष करना पड़ा तो वह पीछे नहीं हटे.

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