यूपी में 6 से 10 जनवरी तक सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम, बार-बार चालान होने पर लाइसेंस होगा निरस्त

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने नव वर्ष के पहले दिन बुधवार को राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में सड़क सुरक्षा को लेकर महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को सड़क सुरक्षा उपायों को प्रभावी बनाने के लिए जरूरी कदम उठाने की सलाह दी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि 6 से 10 जनवरी तक सभी स्कूलों और कॉलेजों में सड़क सुरक्षा नियमों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके तहत विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण संदेश दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा माह केवल लखनऊ तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे राज्य के 75 जिलों में इसे लागू किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि हर महीने जिला स्तर पर सड़क सुरक्षा समितियों की बैठक आयोजित की जाए, जिसमें जिलाधिकारी, पुलिस, आरटीओ, पीडब्ल्यूडी और अन्य संबंधित अधिकारी शामिल हों। इसके साथ ही, सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हर तीन महीने में शासन स्तर पर प्रगति की समीक्षा की जाएगी।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में हर साल होने वाली 23-25 हजार मौतें राज्य और देश की बड़ी क्षति हैं। उन्होंने विशेष रूप से नाबालिगों के ई-रिक्शा संचालन पर सख्त कार्रवाई की आवश्यकता जताई और ऐसे वाहनों का पंजीकरण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने सड़कों पर अनिवार्य रूप से साइनेज लगाने, ओवरलोडिंग पर नियंत्रण रखने और हेलमेट, सीट बेल्ट जैसे सुरक्षा मानकों के पालन के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने की बात भी कही। उन्होंने यह भी कहा कि बार-बार चालान होने पर वाहन का लाइसेंस या परमिट निरस्त किया जाए और यह प्रक्रिया फास्टैग से जोड़ी जाए।

साथ ही, मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों और कॉलेजों में रोड सेफ्टी क्लब बनाए जाएं और बच्चों को नाटक, कविता, संगोष्ठी जैसे कार्यक्रमों के जरिए यातायात नियमों के बारे में बताया जाए।

यातायात दुर्घटनाओं में घायलों की मदद के लिए मुख्यमंत्री ने अपील की कि आम लोग दुर्घटना स्थल से भागें नहीं, बल्कि घायलों को ‘गोल्डेन ऑवर’ के अंदर नजदीकी अस्पताल या ट्रॉमा सेंटर पहुंचाएं। उन्होंने एंबुलेंस के रिस्पॉन्स टाइम को भी न्यूनतम करने के निर्देश दिए।

बैठक में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, नगर विकास मंत्री एके शर्मा, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह समेत विभिन्न विभागों के आलाधिकारी उपस्थित रहे।

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