उत्तर प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने छोटे जिलों में भी जांच के लिए नई प्रयोगशालाएं तैयार करवाई हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को 11 नए जनपदों में बीएसएल-2 लैब शुरू करने का निर्देश दिया है. अब औरैया, महोबा, बुलंदशहर, अमेठी, सिद्धार्थनगर, देवरिया, बिजनौर, कासगंज, मऊ, कुशीनगर और सोनभद्र में आरटीपीसीआर जांच हो सकेगी. प्रदेश में इन नई प्रयोगशालाओं से एक ओर जांच की संख्या में तेजी से इजाफा होगा, वहीं बीमारी को मात देने में भी सरकार को मदद मिलेगी.
30 नए जनपदों में भी लगेंगी प्रयोगशालाएं
इन नई आरटीपीसीआर टेस्ट प्रयोगशालाओं के संचालन से प्रदेश के 45 जनपदों में प्रयोगशालाएं हो जाएंगी. वहीं 3 से 4 महीने के अंदर प्रदेश के अन्य 30 जनपद में भी ऐसी प्रयोगशालाएं स्थापित करने का निर्देश सीएम ने दिया है. बता दें कि प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में 125 और निजी क्षेत्र में 104 प्रयोगशालाएं क्रियाशील थीं. अब इन नई प्रयोगशालाओं के बढ़ने से कोरोना की जांच तेजी से होगी और संक्रमण पर लगाम लगने के साथ ही कोरोना वायरस के नए वेरिएंट की पहचान हो सकेगी.
45 जनपदों में आरटीपीसीआर की सुविधा
महानिदेशक डॉ डीएस नेगी ने बताया कि बुलंदशहर लैब में जांच शुरू हो गई है. वहीं इन जनपदों में से 6 जनपदों को आईसीएमआर से मंजूरी मिल गई है, शेष 5 जनपदों को भी मंजूरी मिलते ही शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश से प्रदेश के सभी जनपदों में बीएसएल-2 लैब के संचालन की प्रक्रिया तेजी से की जा रही है. इन नई लैब से प्रदेश के कुल 45 जनपदों में आरटीपीसीआर की जांच तेजी से की जा सकेगी.
24 घंटे में महज 190 नए केस
सर्वाधिक आबादी वाले उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटों में 2 लाख 63 हजार कोरोना की जांच की गई. प्रदेश में अब तक 5 करोड़ 73 लाख 48 हजार 462 कोविड टेस्ट किए जा चुके हैं. प्रदेश में बीते 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के महज 190 नए केस सामने आए हैं. जो बीते चार माह में संक्रमण के सबसे कम मामले हैं. प्रदेश में अब कुल एक्टिव केस की संख्या 3,046 रह गई है. प्रदेश में पॉजिटिविटी रेट 0.1 प्रतिशत से भी कम स्तर पर आ चुका है, जबकि रिकवरी रेट 98.5 प्रतिशत पहुंच गया है.
डेल्टा प्लस के मद्देनजर अधिकारी अलर्ट मोड पर
देश के 11 राज्यों में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ‘डेल्टा प्लस’ से संक्रमित मरीजों की पुष्टि होने से सीएम ने अधिकारियों को अलर्ट मोड पर काम करने का निर्देश दिया है. जिसके तहत अब प्रदेश में कोविड के डेल्टा प्लस वैरिएंट की गहन पड़ताल के लिए अधिक से अधिक सैम्पल की जीनोम सिक्वेंसिंग हो इस बात पर अधिक जोर दिया जा रहा है. सरकार ने प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग के दायरे को बढ़ाते हुए बीएचयू, केजीएमयू, सीडीआरआई, आईजीआईबी में जीनोम परीक्षण की व्यवस्था की है. जिससे अब प्रदेश में संक्रमण के नए वेरिएंट का परीक्षण आसानी से किया जा सकेगा. प्रदेश में पीकू व नीकू की स्थापना तेजी से की जा रही है. प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों में पीडियाट्रिक आईसीयू बेड की संख्या 5900 से अधिक हो गई है.
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