कोरोना पर नियंत्रण के साथ योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने बेरोजगारी पर काबू पाने में भी रिकार्ड बना दिया है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के ताजा सर्वे के आंकड़े इस बात की तस्दीक कर रहे हैं. सीएमआईई के ताजा आंकडों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी दर 6.9 फीसदी दर्ज की गई है. जो मार्च 2017 के मुकाबले लगभग तीन गुना कम है.
सीएमआईई की रिपोर्ट के मुताबिक रोजगार उपलब्ध कराने के मामले में दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु, जैसे देश के तमाम राज्यों के मुकाबले यूपी काफी आगे है. कोरोना से जंग के बावजूद योगी सरकार ने बेरोजगारी को राज्य में पैर नहीं जमाने दिया है. योगी सरकार ने पिछले 4 साल में युवाओं को 4 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां देने का रिकार्ड बनाया है.
मई महीने में बेरोजगारी दर 6.9 फ़ीसदी रही
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी की मई महीने की रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में बेरोजगारी दर 6.9 फ़ीसदी रही है. रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में बेरोजगारी दर 45.6 फ़ीसदी, राजस्थान में 27.6, केरल में 23.5, पश्चिम बंगाल में 19.3, तमिलनाडु में 28.4, झारखंड में 16, आंध्र प्रदेश में 13.5, पंजाब में 8.8 और छत्तीसगढ़ में 8.3 फ़ीसदी है. कोरोना संकट के बीच यूपी के लोगों के लिए ये राहत भरी खबर है.
यूपी में रिकॉर्डतोड़ रोजगार
अपर मुख्य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने बताया कि देश की सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी की दर मजज 6.9 फीसदी है. इसके पीछे मुख्यमंत्री योगी की दूरदर्शी नीति और रोजगारपरक योजनाओं की बड़ी भूमिका रही है. मार्च 2017 में जब योगी आदित्यनाथ ने राज्य की सत्ता संभाली थी तब प्रदेश में बरोजगारी दर का आंकड़ा 17.5 फीसदी था. इस लिहाज से मौजूदा बेरोजगारी दर इससे काफी कम है. सहगल के मुताबिक मिशन रोजगार के अंतर्गत विभिन्न विभागों, संस्थानों एवं निगमों आदि के माध्यम से प्रदेश के लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं. 4 लाख से अधिक लोगों को सरकारी नौकरी से जोड़ने के साथ ही 15 लाख से अधिक लोगों को निजी क्षेत्र में तथा लगभग 1.5 करोड़ लोगों को स्वरोजगार से जोड़ा है.
योगी ने जीवन भी बचाया और जीविका भी
सहगल के मुताबिक योगी आदित्यनाथ ने कोरोना काल के दौरान लोगों का जीवन तथा जीविका दोनों को बचाने का काम किया. सरकार ने लॉकडाउन के बयाए राज्य में आंशिक कोरोना कर्फ्य लगाने का फैसला किया. जिसके चलते राज्य में रोज कमाने खाने वाले पटरी दुकानदार, दैनिक मजदूर और फैक्ट्रियों में काम करने वाले लाखों कर्मचारियों को रोजी-रोटी का संकट नहीं हुआ और राज्य में आर्थिक गतिविधियां भी बराबर चलती रहीं. प्रदेश में आधिक कामकाज चलते रहने के कारण पिछले वर्ष लगे लॉकडाउन की तुलना में इस बार अप्रैल माह में साढ़े आठ गुना अधिका राजस्व प्राप्त हुआ है.
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