दोबारा सत्ता में आते ही योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने युवा रोज़गार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शा दी है. सीएम योगी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि युवाओं को रोजगार से जोड़ने की कार्य अभियान के रूप में किया जाए. सरकार ने 100 दिनों में युवाओं को 50 हजार रोजगार के अवसर देने की घोषणा की है. दूसरी पारी में शपथ लेने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ एक्शन में हैं. उन्होंने अगले 5 साल में यूपी में 5 करोड़ लोगों को स्वरोजगार देने का लक्ष्य तय किया है. उनका संकल्प युवाओं को आगे बढ़ाना और रोजगार देने के संकल्प को तेजी से पूरा करना है.
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि स्वरोजगार की तमाम योजनाओं का व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार हो और युवाओं में इसके लिए जागरूकता पैदा की जाए. इस संबंध में जल्दी ही लोन मेला आयोजित होगा जिसमें युवाओं को स्वरोजगार की विभिन्न योजनाओं के तहत बैंकों से ऋण दिलवाने में भी मदद की जाएगी.
युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर देने में सरकार ने पूर्व के कार्यकाल में भी कोई कमी नहीं रखी थी. स्टार्टअप और औद्योगिक इकाईयों को बढ़ावा देकर युवाओं को रोजगार दिये. एमएसएमई और ओडीओपी योजना ने युवाओं की प्रतिभा और कौशल को रोजगार में बदलने का काम किया. कामगारों और श्रमिकों की स्किल मैपिंग के बाद उनको रोजगार भी दिए गए थे.
अब दूसरी पारी में सरकार ने बिना भेदभाव और भ्रष्टाचार के युवाओं को सरकारी नौकरियों के अवसर देने की योजना को अंतिम रूप दे दिया है. स्वरोजगार के साथ साथ सरकार ने 100 दिनों में 20,000 सरकारी नौकरी देने का भी फैसला किया है. भर्तियों में ईमानदारी और शुचिता को प्राथमिकता पर रखने का निर्देश दिये गये हैं. युवाओं को रोजगार मिल सके इसके लिए जिला और मंडल स्तर पर स्टार्टअप्स को खोलने के लिए भी कहा गया है. गौरतलब है कि पिछले कार्यकाल में योगी सरकार ढ़ाई करोड़ रोजगार और 5 लाख सरकारी नौकरियां युवाओं को दे चुकी है.
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