यूपी की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार निराश्रित गोवंश की सुरक्षा के साथ किसानों की फसलों की सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेगी. इससे गोवंश के इधर-उधर घूमने की समस्या का समाधान हो जाएगा और किसानों की फसलों की भी कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. प्रदेश सरकार गोवंश की सुरक्षा और संरक्षण के इंतजाम को और पुख्ता करने जा रही है. गोवंश के संरक्षण के साथ ही केंद्रों को स्वावलंबी भी बनाया जाएगा. इसके लिए प्रदेश सरकार ने कार्ययोजना तैयार कर ली है.
साल 2017 में जब योगी सरकार सत्ता में आई, तभी से आजतक गोसंरक्षण के लिए लगातार काम कर रही है. योगी सरकार ने सुरक्षा के लिए गोसंरक्षण केंद्रों की स्थापना की है. प्रदेश सरकार की मंशा है कि इन गोसंरक्षण केंद्रों को पूरी तरह से स्वावलंबी बनाया जाय ताकि अपनी जरूरतों के लिए किसी पर निर्भर न रहें. साथ ही प्रदेश में 20 वृहद गोसंरक्षण केंद्रों का निर्माण जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाय. पशुपालकों की सुविधा के लिए विभाग पशुओं की आकस्मिक चिकित्सा और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था उनके द्वार पर पहुंचाई जाए. इसके लिए 78 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है. साथ ही सरकार गो-अभ्यारण बनाने पर विशेष बल दे रही है. आवश्यक कार्रवाई के लिए विभाग को निर्देश दे दिए गए हैं.
हर महीने दिये जाते हैं 900 रुपये
मुख्यमंत्री निराश्रित व बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के तहत कृषकों, पशुपालकों और अति कुपोषित परिवारों को एक-एक गाय और 900 रुपये प्रति माह दिए जाते हैं. इससे एक तो पशुओं को रहने के लिए स्थान मिल रहा है, वहीं लोगों की आय भी बढ़ रही है. साथ ही शहरी और ग्रामीण इलाकों में स्थायी और अस्थायी गोसंरक्षण केंद्र बनाकर गोवंश की सुरक्षा की जा रही है.
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