उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने शुक्रवार को अयोध्या में भगवान राम की प्रतिमा का अनावरण किया. सीएम ने कहा कि, आजादी के बाद की सरकारों को राम के नाम से परहेज था। मोदी सरकार ने मंदिर निर्माण की पहल की है। राम मंदिर के निर्माण का रास्ता जल्द निकले, इसकी कामना करता हूं. अयोध्या में योगी करीब साढ़े तीन घंटे रहेंगे.
दरअसल, भगवान राम की इस काष्ठ प्रतिमा को अयोध्या शोध संस्थान के शिल्प संग्रहालय में स्थापित किया गया है. यह प्रतिमा कर्नाटक के कावेरी कर्नाटक स्टेट आर्ट्स एवं क्राफ्ट इंपोरियम से खरीदी गई है.
ये है खासियत
इस राम प्रतिमा की खासियत यह है कि इसे टीक वुड से बनाया गया है. राज्य सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार भगवान श्रीराम की यह मूर्ति लकड़ी के एक पीस से तैयार की गई है. दक्षिण भारत मे भगवान राम के कोदंड स्वरूप की पूजा की जाती है. श्रीराम की यह मूर्ति भी कोदंड धनुष धारण किए हुए नजर आती हैं. बता दें, भगवान राम के धनुष को कोदंड के नाम से जाना जाना जाता है. मान्यता के अनुसार जब श्रीराम माता सीता की खोज के लिए दक्षिण भारत पहुंचे थे तो वनवासी रूप में उनके हाथ में उनका धनुष कोदंड ही था. कहा जाता है कि कोदंड वो धनुष है जिससे राम ने रावण का वध किया था.
कोदंड राम की आठ बड़ी बातें
- कर्नाटक के कावेरी कर्नाटक स्टेट आर्ट्स एवं क्राफ्ट इंपोरियम से 35 लाख में खरीदी गई है.
- भगवान राम की यह प्रतिमा देखने में काफी आकर्षक है और इसे काष्ठ कला की एक दुर्लभ कृति माना जा रहा है.
- इस प्रतिमा को बनाने में करीब तीन साल से ज्यादा का समय लगा है.
- यह आदमकद प्रतिमा 7 फीट की है.
- इसको राष्ट्रपति पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है.
- काष्ठ कला की दुर्लभ मूर्ति अयोध्या शोध संस्थान के शिल्प संग्रहालय में स्थापित की जाएगी.
- इस मूर्ति को कोदंड राम से जाना जा रहा है.
- दरअसल, इस मूर्ति कर्नाटक की कोदंड स्थापत्य कला के अनुसार बनाया गया है. इसलिए इसको कोदंड राम के नाम से पुकारा जा रहा है.
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