OPINION: उत्तर प्रदेश में छद्म समाजवाद और माफियावाद की राजनीति पर सर्जिकल स्ट्राइक

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के वर्तमान बजट सत्र में तीखे तेवर दिखाए और राजनैतिक दलों का संरक्षण प्राप्त माफियाओं को मिट्टी में मिलाने का उद्घोष किया। इसके साथ ही माफियाओं और उनके सहयोगियों के विरुद्ध जिस प्रकार का अभियान प्रारम्भ हुआ उससे यह बात बिल्कुल सत्य सिद्ध हो रही है कि यूपी के लिए योगी ही उपयोगी हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुरूप जिस प्रकार माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही हो रही है उससे हाईकोर्ट व निचली अदालतों का साहस भी बढ़ रहा है और अब वह निर्भय होकर राजनैतिक संरक्षण प्राप्त माफियाओं के खिलाफ कड़ी टिप्पणियां लिख रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सदन के दोनों सदनों मे दिये गये भाषणों में यह साफ कर दिया है कि माफिया को बचाने के लिए बड़े-बड़े नेता जो कवच देते हैं उसके बावजूद ऐसे अपराधी अब बच नहीं सकेंगे। मुख्यमंत्री के इन तीखे तेवरों के बाद गुजरात की साबरमती जेल में बंद माफिया अतीक अहमद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है और अपनी जान की भीख मांग रहा है।

समाजवादी सरकार में पले बढ़े माफिया जो यह सोचते थे उनके ऊपर कोई हाथ डाल ही नहीं सकता वो आज जमानत पाने के लिए तड़प रहे हैं। समाजवादी पार्टी की सरकार द्वारा समर्थित सभी माफिया अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी, आजम खां, गायत्री प्रजापति व कानपुर के इरफान सोलंकी सहित अनेकों की कमर अब टूट रही है। योगी जी के विधानसभा वाले उद्घोष के बाद ऐसे अपराधी तत्वों व उनको संरक्षण देने वालों के खिलाफ कार्यवाही और अधिक तीव्र हो गई है। समाजवादी पार्टी सहित वह सभी राजनैतिक दल जिन्हें इन माफियाओें के सहारे राजनैतिक लाभ प्राप्त होता था और तुष्टिकरण की राजनीति पल्लवित होती थी वह बंद होता प्रतीत रहा है। यह सभी दल माफियाओं की गुंडागर्दी और अराजकता के बल पर ही चुनाव जीतते आ रहे थे।

जन सामान्य पर योगी जी के, “माफिया को मिट्टी में मिला देंगे” उद्घोष का व्यापक प्रभाव पड़ा है और उसकी अपेक्षाएं भी उसी अनुपात में बढ़ गयी हैं। घरों की बैठकों से चाय की दुकानों तक और कार्यालयों से लेकर सार्वजनिक स्थलों तक इसकी चर्चा हो रही है। मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि अपराध के प्रति जीरो टालरेंस की नीति के तहत सरकार जो कार्रवाई कर रही है उसके परिणाम भी शीघ्र ही सामने आयेंगे।

राह से भटके और माफिया की गोद में खेलते हुए समाजवाद पर तीखा हमला बोलते हए योगी जी ने जातीय जनगणना की मांग कर रही समावजादी पार्टी की मांग की धार को कुंद करते हुए कहा कि समाजवादी बहुरूपिया ब्रांड है। प्रगतिशील समाजवाद, लोकतांत्रिक समाजवाद, प्रजातांत्रिक समाजवाद और इसके अलावा पारिवारिक समाजवाद। अमीरों को गरीब, गरीबों को गुलाम, बुद्धिजीवियों को को बेवकूफ और नेताओं को खुद को शक्तिशाली बनाने का सबसे बड़ा पाखंड ही समाजवाद है।

योगी जी ने जाति की बात करने वाले अखिलेश यादव पर तीखा हमला करते हुए कहा कि प्रदेश में वर्षों तक जाति व धर्म के आधार के पर माफिया को संरक्षण मिलता था। मुस्लिम तुष्टिकरण के कारण समावजादी सरकार तो आतंकियों की रिहाई के लिए भी पैरवी कर रही थी। पहले जातियों का समर्थन लेने के लिए राजनैतिक दलों ने माफिया का सहारा लिया फिर जातियों के आधार पर ताकतवर बनने वाले बाहुबली अपराधी खुद राजनीति में उतरे जिसमें माफिया मुख्तार अंसारी ने अपना एक क्षेत्रीय दल भी बना लिया था। आज यही अपराधी थर- थर कांप रहे हैं। एक दौर वह भी था जब ऐसे तत्वों के लिए चौराहों पर शेरो शायरी के आयोजन करके उनका महिमा मंडन किया जाता था। कुछ वर्षों पूर्व माफिया डॉन अतीक अहमद की तूती बोलती थी। एक शाम प्रयागराज में शायरों की उनके नाम की महफिल सजी थी तो एक शायर ने उसकी शान में कसीदे पढ़े थे। आज अतीक अहमद के गुर्गों के घर बुलडोजर से ध्वस्त किये जा रहे हैं। माफिया पर कार्यवाही हो रही है तो सेकुलर दल झूठा प्रचार कर रहे हैं कि प्रदेश में गरीब अल्पसंख्यकों के घर तोड़े जा रहे हैं। रामचरितमानस की प्रतियाँ जलाना 100 करोड़ हिंदुओं का अपमान – योगी

रामचरित मानस जैसे पवित्र ग्रंथ को जलाने की घटना पर बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि यदि ऐसा कृत्य किसी और मत या मजहब के ग्रन्थ के साथ हुआ होता तो तब क्या स्थिति होती?उन्होंने कहा कि रामचरितमानस को जलाना देश- दुनिया के 100 करोड़ हिंदुओं का अपमान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी इन्वेस्टर्स समिट की सफलता से आशंकित सपा ने रामचरित मानस और उसके रचयिता संत तुलसीदास का अपमान करके एक साजिश रची। योगी ने सदन में बोलो, “रामचंद्र की जय” का जयकारा देने वाले तुलसीदास को मध्य काल में रामचरित मानस और रामलीलाओं के माध्यम से पूरे समाज को एकजुट करने का श्रेय देते हुए कहा कि भगवान राम को अपना राजा मानने वाले संत ने मुगल बादशाह अकबर के बुलावे को यह कहते हुए ठुकरा दिया था कि-
हम चाकर रघुबीर के, पटौ लिखौ दरबार। अब तुलसी का होहिंगे, नर के मनसबदार।।

योगी ने कहा कि रामचरित मानस अवधी में रची गई। अवधी भाषा में एक वाक्य है, ”भैया इतने देर से केका ताड़त रहा? ”फिर बताया कि यहां ताड़त का अर्थ देखने से है। तुलसीदास जी बुंदेलखंड के चित्रकूट जिले के राजापुर गांव में जन्मे थे। बुंदेली में एक वाक्य है – भइया मेरे लड़िकन को ताड़े रख्यो। यहाँ ताड़े का क्या अर्थ है, देखे रहना । योगी ने वह चौपाई सुनाई, जिसको लेकर पाखंड फैलाया जा रहा है, प्रभु भल कीन्ह मोहि सिख दीन्ही, मरजादा पुनि तुम्हरी कीन्ही।। ढोल गंवार शूद्र पशु नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी।। इसकी व्याख्या करते हुए कहा कि यह प्रसंग तब आता है जब भगवान राम लंका जाने केलिए समुद्र से तीन दिन तक रास्ता देने की विनय करते हैं। समुद्र के रास्ता न देने पर लक्ष्मण जी प्रभु श्रीराम को धनुष बाण देते हैं और भगवान राम धनुष पर तीर का संधान करके समुद्र को चेतावनी देते हैं। तब समुद्र प्रकट होकर इन पंक्तियों को कहता है।

योगी ने कहा कि ढोल वाद्य यंत्र है और इस संदर्भ में गंवार से आशय अशिक्षित से है। शूद्र का आश्रय श्रमिक वर्ग से है किसी जाति विशेष से नहीं। योगी ने मानस की सप्रसंग व्याख्या जारी करते हुए कहा कि नारी का अर्थ नारी शक्ति से है।मध्यकाल में जब यह धर्मग्रंथ रचा गया तो महिलाओं की उस समय की दयनीय स्थिति किसी से छिपी नहीं। बाल विवाह जैसी विकृतियां भी उस समय ही पनपी थीं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि सपा कार्यालय संत तुलसीदास के खिलाफ अभियान चला रहा है जगह -जगह मानस जैसे ग्रंथ का अपमान कर रहा है। ये नहीं हो सकता कि जिसकी मर्जी आए वह हिंदुओं का अपमान कर ले, अपने अनुरूप धर्मग्रंथ की विवेचना कर ले।उन्होंने कहा कि आपको गौरव की अनुभूति होनी चाहिए कि उप्र राम और श्रीकृष्ण, गंगा -यमुना और संगम की धरती है। इसी धरती पर रामचरित मानस और वाल्मीकि रामायण जैसे पवित्र ग्रंथ रचे गये जिसे जलाकर आप 100करोड़ हिंदुओ को अपमानित कर रहे हैं।
योगी जी ने विपक्ष को स्पष्ट संकेत व संदेश दिया है कि समस्या के समाधान के लिए ”भाग लो” या फिर ”भाग लो।”
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कर दिया है कि यह धरती राम और कृष्ण की धरती है और उन्होंने रामराज्य की संपूर्ण स्थापना का संकल्प लिया है। वर्तमान में अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है और वह मंदिर तथा प्रदेश के सभी धार्मिक तीर्थस्थल व पर्यटन केंद्र पूरी तरह से सुरक्षित रहें ,प्रदेश में निवेश और निवेशक सुरक्षित रहें उसके लिए माफियाओं व उनको संरक्षण देने वाले हर प्रकार के तंत्र के खिलाफ बुलडोजर कार्यवाही व शाब्दिक स्ट्राइक की भी बहुत आवश्यकता थी और योगी जी ने दोनों ही कर दिखाई हैं।

( मृत्युंजय दीक्षित, लेखक राजनीतिक जानकार व स्तंभकार हैं.)

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