उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार अपराधियों पर बुलडोजर चलाने के साथ भ्रष्ट व लापरवाह अफसरों पर भी चाबुक चला रही है. सरकार की इसी सख्ती की जद़ में अब जौनपुर जिला अस्पताल के दो सरकारी डॉस्टर आ गए हैं. सीएम के निर्देश पर दोनों डॉक्टरों को निलंबित कर दिया है. अस्पताल के दो डॉक्टरों की निलंबन कार्रवाई की सूचना मिलते ही जिले के सभी सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों और कर्मियों में खलबली मच गई है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हंटर चलने से जिला अस्पताल में मानो हड़कम्प मच गया है. सीएमएस डॉ. एके शर्मा ने बताया कि अस्पताल के 2 डॉक्टर डीपी सिंह व डॉ. सतेंद्र कौशल बिना सूचना के डेढ़ साल से ड्यूटी पर नहीं आ रहे थे. अस्पताल प्रशासन द्वारा कई बार पत्र लिखा गया था. इसके बाद भी दोनों डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं आने आये.
यही नहीं जिलाधिकारी के निरीक्षण में भी लगातार दोनों चिकित्सक नदारद रहे. उन्होंने बताया कि कोरोना काल से ही दोनों चिकित्सक ड्यूटी नहीं आ रहे थे. ना इस विषय में किसी अधीनस्थ अधिकारी से कोई अनुमति ली थी. ड्यूटी में घोर लापरवाही को देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने दोनों डॉक्टर को निलंबन की कार्रवाई की है.
बता दें कि 21 अप्रैल को जौनपुर जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने शहीद उमानाथ सिंह जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया था जिसमें उन्होंने पाया कि कुछ डॉक्टर अस्पताल से गायब हैं. इस मामले में उन्हें बताया गया कि कुछ डॉक्टर्स वीआईपी ड्यूटी में वाराणसी गए हैं. वहीं इसको लेकर जिलाधिकारी ने VIP ड्यूटी के लिए गए हुए और अनुपस्थित डॉक्टरों की एक सूची मांगी. इसमें पाया गया कि दो डॉक्टर बिना किसी सूचना के अपनी ड्यूटी से गायब हैं. जिसके बाद रिपोर्ट बना कर शासन को भेज दी. इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्रवाई करते हुए गुरुवार देर रात अस्पताल के डॉ. सत्येंद्र कौशल सिंह और डॉ. डीपी सिंह को निलंबित कर दिया.
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