उत्तर प्रदेश में जल्द ही योगी सरकार के मंत्रिमंडल में विस्तार हो सकता है। विधानसभा चुनाव समाप्त होने के बाद अब इसे लेकर मंथन शुरू हो गया है। कोरोना की वजह से 2 मंत्रियों के निधन के बाद खाली जगह को भरने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा चार स्थान पहले से खाली हैं।
माना जा रहा है कि भाजपा सरकार का यह विधानसभा चुनाव से पहले आखिरी बार मंत्रिपरिषद का विस्तार होगा। इसीलिए इसमें न केवल जातीय समीकरणों के हिसाब से समायोजन होगा, बल्कि क्षेत्रीय असंतुलन दूर करने की कोशिश होगी। प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री चेतन चौहन की कोरोना के चलते मृत्यु हो गई। उपचुनाव में उनकी पत्नी संगीता चौहान जीत गईं।
Also Read: अब PAC कर्मियों को CM योगी ने दिया दीवाली गिफ्ट, 5042 सिपाही प्रमोट होकर बने हेड कांस्टेबल
बुलंदशहर में दिवंगत विधायक वीरेंद्र सिंह सिरोही की पत्नी ऊषा सिरोही भी उपचुनाव जीत गईं। इन दोनों में से किसी एक मंत्री बनाया जा सकता है। कल्याण सिंह सरकार में मंत्री रह चुके वीरेंद्र सिंह सिरोही की इस सरकार में भी मंत्री पद के लिए मजबूत दावेदारी थी, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला पाया।
वहीं, सूत्रों का कहना है कि सीएम योगी अपने कुछ मंत्रियों के कामकाज से खुश नहीं है। ऐसे में उनकी छुट्टी कर उन्हें संगठन में भेजा जा सकता है। उम्रदराज मंत्रियों को दूसरी जिम्मेदारी मिल सकती है। युवा विधायकों में कुछ को मौका मिल सकता है ताकि 2022 के विधानसभा चुनाव में वोटरों को जोड़ा सके।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले साल भी वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल, सिंचाई मंत्री धर्मपाल व बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल को हटा दिया था। वैसे राजेश अग्रवाल इसी साल भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बना दिए गए। पिछले साल 19 अगस्त को मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल विस्तार किया था। इसमें 18 नए मंत्री शामिल किए गए थे जबकि पांच मंत्रियों को प्रोन्नत किया गया था। योगी मंत्रिपरिषद में इस समय कुल 54 मंत्री हैं। इसमें 23 कैबिनेट हैं। 9 स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री और 22 राज्य मंत्री हैं।
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )