विजिलेंस की जांच में दोषी भगोड़ा IPS मणिलाल पाटीदार, योगी सरकार ने दिया केस दर्ज करने का आदेश

महोबा क्रशर कारोबारी की हत्या मामले में फरार चल रहे निलंबित आईपीएस मणिलाल पाटीदार की मुश्किलें अब और ज्यादा बढ़ने वाली हैं. दरअसल, विजिलेंस की जांच में सामने आया है कि पाटीदार ने थानेदारों के जरिए वसूली का रैकेट चलाया था जिससे तमाम अवैध धन अर्जित करते हुए संपत्तियों में निवेश किया. विजिलेंस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति मांगी थी जिसे सीएम योगी ने मंजूरी प्रदान कर दी है. वैसे बता दें कि फरार आईपीएस पर पहले से ही एक लाख का इनाम घोषित है. पर बावजूद इसके इनका पता लगाने में पुलिस के हाथ खाली है.

डीजीपी मुख्यालय के निर्देशों तक को हवा में उड़ाया

जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 11 सितंबर 2020 को महोबा कांड़ के बाद मणिलाल पाटीदार की चल–अचल संपत्तियों की जांच के आदेश विजिलेंस को दिए थे. अब विजिलेंस जांच में सामने आया कि महोबा में थानेदारों की पोस्टिंग में जमकर लेन-देन हुआ. महीने की वसूली को लेकर मणिलाल पाटीदार ने थानेदारों को कई बार हटाया और तैनात किया.

थाना प्रभारियों की तैनाती को लेकर डीजीपी मुख्यालय के निर्देशों तक का भी पालन नहीं किया गया. वहीं, पैसा देकर थानेदारों की पोस्टिंग होने के बाद जिले में मातहत पुलिसकर्मियों ने जमकर वसूली की और लोगों को प्रताड़ित किया. विजिलेंस ने आईपीएस मणिलाल पर को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज करने की शासन से मंजूरी मांगी थी, जिसे मुख्यमंत्री दफ्तर ने मंजूर कर लिया है. जल्द मणि लाल पाटीदार पर विजिलेंस की तरफ से एफआईआर दर्ज होगी.

ये था मामला

मामला कबरई कस्बे के जवाहरनगर निवासी क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने सात सितंबर को वीडियो वायरल कर तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार पर घूस मांगने व किसी भी समय हत्या कराने का आरोप लगाया था. सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में निलंबित एसओ देवेंद्र शुक्ला द्वारा एसपी को पैसे भेेजने का दबाव बनाने और झूठे मुकदमे में फंसाने का भी आरोप लगाया था.

आठ सितंबर को क्रशर कारोबारी को गोली लग गई और 13 सितंबर को उनकी कानपुर के रिजेंसी अस्पताल में मौत हो गई थी. इस मामले में केस दर्ज होने के बाद से महोबा का पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार फरार हैं फरार आईपीएस मणिलाल पाटीदार के नेपाल में छिपे होने का दावा भी किया गया था.
 

आईपीएस मणिलाल पाटीदार के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर भी जारी हो चुका है. पुलिस ने सबसे पहले पाटीदार के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करवाया था. इसके बावजूद पाटीदार ने न ही आत्मसमर्पण किया और न ही पुलिस उसकी गिरफ्तारी कर सकी. मामले में हाईकोर्ट की नाराजगी के बाद फरार पाटीदार पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया. कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस फरार आईपीएस के घर की कुर्की भी करा चुकी है. लेकिन पाटीदार की कोई खबर नहीं मिल रही. पुलिस की कई टीमें इनकी तलाश में जुटी हैं.  

Also Read : फर्रुखाबाद : जमीनी रंजिश में युवक की गला रेत कर हत्या, मां-बाप को भी मारी गोली

( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )