उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) निर्माण श्रमिकों (Construction workers) को 1 लाख रुपए तक का कोलेटरल फ्री लोन यानी बिना कुछ गिरवी रखकर प्राप्त किया जाने वाला लोन दिलाने के लिए उन्हें बैंकों के माध्यम से श्रमिक कार्ड (Shramik Card) उपलब्ध कराएगी। उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
जानकारी के अनुसार, गुरुवार को हुई बोर्ड की बैठक में सभी पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को 6 माह में स्नातक स्तर पर मुफ्त शिक्षा दिलाने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगी। कन्या विवाह सहायता योजना के तहत सामूहिक विवाह के लिए प्रदान की जाने वाली धनराशि को बढ़ाकर 1 लाख रुपए करने का भी प्रस्ताव पारित हुआ है।
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उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड अब इनके विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजेगा। बोर्ड में कुल 1.47 करोड़ निर्माण श्रमिक पंजीकृत हैं जिनमें से 1.13 करोड़ सक्रिय श्रमिक हैं। बैठक में वर्ष 2022-23 के लिए बोर्ड का 1506 करोड़ रुपये का बजट भी अनुमोदित हुआ।
इस बैठक में उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अधीन श्रम कार्यालयों में सेवाप्रदाताओं (आउटसोर्सिंग) के माध्यम से तैनात कार्मिकों के मानदेय में 10 प्रतिशत वृद्धि करने का भी निर्णय किया गया है। इससे बोर्ड के अधीन श्रम कार्यालयों में आउटसोर्सिंग के माध्यम से तैनात लगभग 700 कार्मिकों को फायदा होगा। प्रति वर्ष इन कर्मचारियों के मानदेय में पांच प्रतिशत की वृद्धि के प्रस्ताव को भी बोर्ड ने मंजूरी दे दी है।
बैंक से ऋण लेते वक्त सबसे बड़ी समस्या सिक्योरिटी की आती है। श्रमिकों के लिए बैंक की इस शर्त को पूरा कर पाना संभव नहीं है। ऐसे में उन्हें ऋण के लिए उन्हें सिर्फ लोन लेने का कारण बताते हुए आवेदन करना होगा। इस योजना का लाभ फिलहाल 1.43 करोड़ पंजीकृत श्रमिकों को मिल सकेगा। हालांकि अभी ई-श्रम पोर्टल पर हुए पंजीकरण की जांच होना बाकी है। तब यह आंकड़ा और बढ़ जाएगा।
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