योगी सरकार का बड़ा फैसला- अब ब्लॉक की बजाय ग्राम सचिवालय से होंगे मनरेगा के काम

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) ने ग्राम सभा की भूमिका को सशक्त बनाने की पहल की है। इसके तहत महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के डेढ़ दर्जन कार्यों (MGNREGA Works) को अब ग्राम सचिवालय (Village Secretariat) से करने फैसला लिया है। इससे ग्राम पंचायतें सशक्त होंगी। मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर पंचायती राज और ग्राम विकास विभाग ने क्रियान्वयन करना शुरू कर दिया है।

इस क्रम में अब ग्राम पंचायत की ओर से एमआईएस पर वर्क आईडी जेनरेट करने से लेकर अकुशल मजदूरों की मजदूरी, स्किल्ड और सेमी स्किल्ड की मजदूरी, मटैरियल और एडमिन लिस्ट भुगतान ग्राम पंचायत स्तर से किए जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी की इस फैसले से मनरेगा के 77 लाख से ज्यादा श्रमिक परिवारों को लाभ होगा और उन्हें अपनी मजदूरी के लिए ब्लॉक के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

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इस बारे में अपर मुख्यसचिव ग्राम सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर ग्राम पंचायतों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह बड़ा कदम उठाया गया है। ग्राम पंचायतों के अधिकार बढ़ने से न सिर्फ श्रमिकों को लाभ होगा, बल्कि ग्राम स्वराज की अवधारणा भी साकार होगी।

मुख्यमंत्री योगी के निर्देशों के क्रम में ब्लॉक से होने वाले मनरेगा श्रमिकों के कई कार्यों को विकेन्द्रीकृत कर ग्राम पंचायत स्तर पर स्थानांतरित कर दिया गया है। मनरेगा श्रमिकों की वर्क आईडी, श्रम और सामग्री भुगतान, पंचायत कर्मचारी मस्टररोल प्राप्त करने और जमा कराने सम्बंधी सभी कार्य ग्राम पंचायत स्तर पर ही करेंगे। इससे प्रदेश की 58,000 ग्राम पंचायतों का सु²ढ़ीकरण होगा और मनरेगा के कार्य आसानी से ग्राम पंचायतों के माध्यम से हो सकेंगे।

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ग्राम पंचायत स्तर पर श्रमिकों से जुड़े कार्यों के लिए मांग को प्राप्त कर एमआईएस पर रजिस्टर्ड किया जाएगा। स्वीकृत कार्य योजना में से वर्क आईडी जनरेट कर कार्य का स्टीमेट तैयार किया जाएगा और तकनीकी, वित्तीय स्वीकृति प्राप्त की जाएगी। इसके अलावा कार्य की जियो टैगिंग, श्रमिकों को मांग के सापेक्ष ससमय कार्य का आवंटन भी किया जाएगा। ई-मस्टर रोल जारी और निकाला भी जाएगा। ई-मस्टर रोल की अवधि समाप्त होने के बाद नरेगा वेबसाइट पर मस्टर रोल फीड कर मस्टर रोल की वेजलिस्ट बनाई जाएगी।

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