उत्तर प्रदेश में निजी निवेश के जरिए अब छोटे शहरों में भी अत्याधुनिक टाउनशिप (Township) विकसित किए जा सकेंगे। न्यूनतम 12.5 एकड़ जमीन पर भी टाउनशिप विकसित करने के लिए योगी सरकार (Yogi Government) विकासकर्ताओं को कई तरह की सहूलितय देगी।
जानकारी के अनुसार, टाउनशिप के लिए जमीन खरीदने पर स्टाम्प ड्यूटी से छूट मिलेगी। ग्राम समाज व एससी-एसटी की भूमि के लिए शासन के बजाय मंडलायुक्त के स्तर से ही मंजूरी देने की व्यवस्था की जाएगी। ऐसे में जहां तेजी से टाउनशिप विकसित हो सकेगी वहीं मध्यम व निम्न वर्गों के परिवार भी वाजिब दाम पर सभी सुविधाओं वाला फ्लैट खरीद सकेंगे।
दरअसल, पहले हाईटेक और फिर इंटीग्रेटेड टाउनशिप नीति के जरिए ही राज्य में निजी निवेश के जरिए आधुनिक टाउनशिप विकसित किए जा रहे हैं। वर्ष 2005 में पहले-पहल लागू इन नीतियों से उम्मीद के मुताबिक निजी निवेश के जरिए राज्य में टाउनशिप विकसित करने के लिए विकासकर्ताओं ने दिलचस्पी नहीं दिखाई।
ऐसे में योगी सरकार न्यू टाउनशिप नीति-2022 को लागू करने जा रही है। प्रस्तावित नीति को जल्द ही अंतिम रूप देकर लागू किया जाएगा। आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा तैयार की गई नई नीति के तहत विकासकर्ताओं को तमाम सहूलियतें दी जाएंगी ताकि ज्यादा से ज्यादा निवेश के जरिए छोटे शहरों तक में अत्याधुनिक टाउनशिप विकसित हो।
इंटीग्रेटेड टाउनशिप के लिए जहां न्यूनतम 25 एकड़ भूमि जरूरी थी वहीं प्रस्ताविक नई नीति में दो लाख तक की आबादी वाले शहरों में 12.50 एकड़ पर ही टाउनशिप विकसित की जा सकेगी। भूमि खरीदने पर 50 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी में छूट भी दी जाएगी।
टाउनशिप में भू-उपभोग परिवर्तन, ग्राम समाज की भूमि होने पर शासन से मंजूरी मिलने का इंतजार नहीं करना होगा। इसी तरह एससी-एसटी की भूमि के लिए भी मंडलायुक्त के स्तर से ही 60 दिनों में ही अनिवार्य रूप से मंजूरी मिल जाएगी। 20 प्रतिशत तक कृषि भूमि होने पर भी टाउनशिप को मंजूरी मिलने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।
जब तक टाउनशिप नगरीय निकाय को ट्रांसफर नहीं होगी तब तक उसमें रहने वालों से हाउसटैक्स व वाटरटैक्स नहीं वसूला जाएगा। न्यूनतम 24 मीटर की सड़क पर ही टाउनशिप विकसित की जा सकेगी। विकासकर्ताओं को टाउनशिप में मानकों के मुताबिक सभी जनसुविधाओं को विकसित करना होगा।
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