उत्तर प्रदेश में निवेश को बढ़ाने के लिए योगी सरकार (Yogi Government) ने रियायतों का पिटारा खोल दिया है। निवेशकों को अब स्टांप शुल्क में छूट, फास्ट ट्रैक से भूमि आवंटन और अनुसंधान के लिए सब्सिडी सहित कई तरह की सुविधा मिलेगी।
नई औद्योगिक निवेश व प्रोत्साहन नीति 2022 को मंजूरी
योगी कैबिनेट में राज्य में पूंजी निवेश को बढ़ाने के लिए नई औद्योगिक निवेश व प्रोत्साहन नीति 2022 को मंजूरी दे दी है। पांच साल में एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य के साथ इस नीति को लाया गया है। वहीं, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले होने वाले रोड शो में यूपी सरकार इस अम्ब्रेला नीति को देश-विदेश के निवेशकों के सामने पेश करेगी। इस नीति के जरिए यूपी में निवेश और रोजगार की ऊंची छलांग का लक्ष्य इसमें रखा गया है।
औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी और औद्योगिक विकास आयुक्त अरविंद कुमार ने गुरुवार को कैबिनेट से मंजूर हुई इस नीति के बारे में बताया कि पांच सौ करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों को जमीन देने की प्रक्रिया और आसान की गई है। निवेशकों को स्टांप में छूट, अनुसंधान के लिए सब्सिडी मिलेगी।
निजी औद्योगिक पार्कों की स्थापना पर स्टांप ड्यूटी में छूट
जानकारी के अनुसार, निजी औद्योगिक पार्कों के लिए रियायत के साथ फास्ट ट्रैक के जरिए भूमि आवंटन कराया जाएगा। निजी औद्योगिक पार्कों में 100 प्रतिशत एफडीआई वाली कम्पनियों को भूमि, फास्ट ट्रैक के आधार पर तत्काल जमीन दी जाएगी। इसके अलावा इन निजी औद्योगिक पार्कों की स्थापना पर स्टांप ड्यूटी में सौ प्रतिशत की छूट भी मिलेगी।
वहीं, एक पैकेज चुनने का विकल्प यूपी में निवेश करने वाले उद्यमियों को इनमें से रियायत का एक पैकेज चुनना होगा। इनमें पहला कैपिटल सब्सिडी, दूसरा विकल्प राज्य जीएसटी की प्रतिपूर्ति और तीसरा विकल्प उत्पादन आधारित रियायतों का है। इस तरह पहली बार विकल्प आधारित प्रोत्साहन मॉडल को अपनाया गया है।
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