योगी सरकार की रणनीति से UP में रुके लंपी संक्रमण के कदम, कांग्रेस शासित राजस्थान की हालात सबसे खराब

देश के कई राज्यों में जहां लम्पी स्किन डिजीज (Lumpy Skin Disease) ने पशुधन को भारी नुकसान पहुंचाया है, वहीं उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में इसका प्रकोप अपेक्षाकृत कम दिखाई दे रहा है। सर्वाधिक प्रभावित और छह बड़े राज्यों से तुलना करें तो उत्तर प्रदेश की स्थिति बेहतर नजर आ रही है। इसके पीछे प्रदेश में लंपी वायरस का प्रसार रोकने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की बनाई रणनीति है, जिसने किसानों को पशुधन के भारी नुकसान से बचा लिया है।

आंकड़ों के लिहाज से सबसे बुरी स्थिति राजस्थान की

भारत सरकार के पशु पालन और डेयरी विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे खराब हालत राजस्थान के हैं, जहां 11,34,709 पशु इससे संक्रमित हुए हैं, जिनमें 50,366 मृत्यु हुई है। पंजाब में संक्रमित हुए पशुओं की संख्या 1,73,159 है, जिनमें 17,200 पशुओं की मृत्यु हुई है। गुजरात में 1,56,236 पशु इस वायरस से प्रभावित हुए हैं, जिनमें 5,544 मृत्यु हुई है।

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पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में 66,333 पशु संक्रमित हुए हैं, जिनमें 2,993 मृत्यु हुई है। हरियाणा में 97,821 पशु प्रभावित हुए हैं, जिनमें 1,941 की मृत्यु हुई है। जम्मू-कश्मीर में संक्रमित हुए पशुओं का आंकड़ा 32,391 है, जिनमें 333 पशुओं की मृत्यु हुई है। वहीं उत्तर प्रदेश में अब तक 26,024 पशु इस वायरस से प्रभावित हुए हैं, जिनमें में 273 पशुओं की मृत्यु हुई है।

पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा, मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर हम कोरोना की तर्ज पर टीम 9 बनाकर नियमित समीक्षा कर रहे हैं। हमने इलाज और वैक्सिनेशन का वृहद अभियान चलाया है। इस पर काबू करने में हमें सफलता मिली है।

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बता दें कि पश्चिमी प्रदेश के 26 जनपद लम्पी स्किन रोग से प्रभावित हैं। योगी सरकार की सजकता एवं प्रभावी कार्यवाही से पशुओं के संक्रमण से ठीक होने का प्रतिशत 64 प्रतिशत है और मृत्युदर मात्र एक प्रतिशत है। पशुओं को इस वायरस से बचाने के लिए सरकार लगातार टीकाकरण अभियान चला रही है।

यह डिजीज अन्य क्षेत्रों में न फैले इसलिए सरकार ने एक रणनीति बनाई, जिसके तहत सुरक्षा कवच को सु²ढ़ करते हुए रिंग एवं बेल्ट के माध्यम से सघन टीकाकरण किया जा रहा है। बेल्ट-1 नेपाल से मध्यप्रदेश तक 320 किमी तथा बेल्ट-2 बुन्देलखण्ड क्षेत्र में 155 किमी तक सुरक्षा घेरा तैयार किया है, जो 10 किमी चौड़ा है। अर्न्तराज्यीय एवं अर्न्तजनपदीय सीमा से लगे जनपदों में सीमावर्ती/विकासखण्ड/ग्रामों को टीकाकरण में प्राथमिकता दी जा रही है।

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