जैसा कि हम सभी जानते हैं कि आज कल पितृ पक्ष यानी कि श्राद्ध चल रहे हैं। इन दिनों में लोग अपने पूर्वजों का तर्पण करते हैं। कहा जाता है पितृ पक्ष के दिन अपने पूर्वजों की मृत्युतिथि पर श्राद्ध किया जाता है। इस दिन श्राद्ध करने से पिंडदान सीधे पितरों तक पहुंचता है। साथ ही आपको पितरों का आर्शीवाद मिलता है उनकी कृपा आप पर बनी रहती है मान्यता ये भी है कि पितृ पक्ष के दौरान आपके पूर्वज कई रूपों में आपके घर आ सकते हैं। इसलिए कभी भी किसी बेजुबानों को दुत्कारें नहीं, ना ही किसी गरीब को अपने घर से खाली पेट जाने दें। आइए आपको बताते हैं इनके बारे में
कौआ
हिंदू धर्म और शास्त्रों में ये कहा गया है कि पितृपक्ष में कौए को भरपेट भोजन खिलाने से पितृों को तृप्ति मिलती है। यहा भी कहा जाता है कि बिना कौए को भोजन कराए पितृों को संतुष्ट नहीं किया जा सकता। कई मान्यताएं ऐसी है कि कौओं को पितरों का रूप माना जाता है। इससे न सिर्फ वो तृप्त होते हैं बल्कि अपने परिजनों को खुशहाल जीवन का आशीर्वाद देते हैं।
गरीब
पितर के दिनों में गरीब को खाना खिलाया जाता है। कहा जाता है दरवाजे में अगर कोई भी गरीब आता है तो उसे भूखे पेट नहीं जाने देना चाहिए। कहते हैं पितर किसी भी रूप में आ सकते हैं इसलिए इनके लिए भोजन की व्यवस्था करें। इन्हें कभी खाली हाथ न लौटाएं, कुछ दान दक्षिणा जरूर दें।
कुत्ता-गाय- बिल्ली
पितृ पक्ष में पंचबली भोग में कुत्ते और गाय के नाम का भोग भी निकाला जाता है। वहीं अगर आपके घर इस मौके पर कुत्ता आ जाए तो बहुत अच्छा माना जाता है। कहा जाता है की अगर कुत्ता रास्ते में भी दिख जाए तो इन्हें कभी मारकर भगाना नहीं चाहिए। कुछ न कुछ खाने को जरूर देना चाहिए। इससे पितृ गण की आत्मा को शांति मिलती है। वहीं पितृ पक्ष में गाय की सेवा करने से पितर बहुत प्रसन्न होते हैं। साथ ही पितर में बिल्लियों को भी दूध का कुछ खाने के लिए देना चाहिए।
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