देवरिया शेल्टर होम में बच्चियों से देह व्यापार के आरोप की जांच कर रही एसआईटी ने सोमवार को एक लाल रंग की कार को कब्जे में लिया है. बताया जा रहा है कि यह कार शेल्टर होम संचालिका गिरिजा त्रिपाठी के परिवार की है. फिलहाल टीम इस कार की जांच कर रही है. बता दें कि मां विंध्यवासिनी शेल्टर होम से भागी एक बच्ची ने पुलिस को बताया था कि कभी लाल तो कभी सफेद रंग की कार आती थी और लड़कियों को ले जाती थी.
एसआईटी की टीम ने गिरिजा के अलावा उसके पति मोहन त्रिपाठी और बालिका गृह की अधीक्षिका कंचनलता को भी रिमांड पर लिया है. इन लोगों से तीन दिन तक गहन पूछताछ की जाएगी. बताया जा रहा है कि कुछ दिनों में सीबीआई की टीम भी एनजीओ संचालिका गिरिजा त्रिपाठी से पूछताछ कर सकती है.
बता दें कि इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी सोमवार को अहम सुनवाई है. 13 अगस्त को हुई पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की फटकार के बाद राज्य सरकार सोमवार को मामले में अपना जवाब दाखिल करेगी. अब तक इस मामले में तत्कालीन डीएम सुजीत कुमार, एसपी रोहन पी कनय को हटाया गया है. तत्कालीन सीओ को भी राज्य सरकार ने हटाया है. थानाध्यक्ष और विवेचक निलंबित किए गए हैं. राज्य सरकार ने लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दिए हैं.
बता दें कि सामाजिक कार्यकर्ता डॉ पद्मा सिंह और अनुराधा ने यह याचिका दाखिल की है. स्त्री अधिकार संगठन ने भी इसी मामले को लेकर जनहित याचिका दाखिल की है. हाईकोर्ट दोनों याचिकाओं की एक साथ सुनवाई कर रहा है.
गौरतलब है कि देह व्यापार का मामला सामने आने के बाद लड़कियों ने खुलासा किया था कि शाम को बड़ी-बड़ी कार में लड़कियों को गोरखपुर ले जाया जाता था. लड़कियां सुबह वापस आती थीं. उनका कहना था कि एक बार सफ़ेद रंग की कार आई थी. एक बार लाल रंग और एक बार काली रंग की कार आई थी.
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