मीडिया से बात करते भावुक हुए दिनेश शर्मा, कहा- आज जो भी हूँ अटल जी की वजह से हूँ

 

दिल्ली के आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत बिगड़ने की सूचना पर यूपी के डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा भावुक हो गए. उनके साथ गुजारे लम्हों को याद करते हुए दिनेश शर्मा ने कहा कि राजनीति में वे मेरे आदर्श हैं. अटलजी के साथ की हर यादों को साझा करते हुए दिनेश शर्मा के आंखों से आंसू भी छलक पड़े.

 

मीडिया से बातचीत करते हुए दिनेश शर्मा ने कहा कि वह अटलजी की लखनऊ में आखिरी जनसभा थी. जनसभा 2006 में कपूरथला में थी. उसके बाद उन्होंने लखनऊ में कोई जनसभा नहीं की. मुझे मेयर पद के लिए नामित किया गया था. उन्होंने मुझे खड़ा कर दिया, और बोले- बोलो-बोलो. इसके बाद अटलजी खड़े हुए.

 

डॉ शर्मा ने भावुक होते हुए कहा कि अटलजी का एक शब्द पूरी चर्चा का विषय बन जाता था. उन्होंने कहा-‘आप लोग नारा लगाते हैं, आपका नेता कैसा हो, अटल बिहारी जैसा हो.” तो भीड़ ने कहा हां. इसके बाद अटलजी ने कहा मैं अपने आपको इसमें (दिनेश शर्मा) देखता हूं. इसके बाद अटल जी ने कहा अगर मैं सिर्फ कुर्ता पहनू तो कैसा लगेगा. लोगों ने कहा अच्छा नहीं लगेगा. फिर अटलजी ने कहा सांसद बनाकर आप लोगों ने मुझे कुर्ता तो पहना दिया अब पायजामा नगर निगम का है. इसे मेयर बनाकर पायजामा भी पहना दो.

 

 

उस पल को याद करते हुए डॉ दिनेश शर्मा कहते हैं, उसके बाद जहां भी प्रचार के लिए गया लोगों ने कहा अटलजी को कुर्ता तो दे दिया है, अब पायजामा अभी देंगे. जाओ निश्चिंत रहो. डॉ दिनेश शर्मा ने कहा जहां चुनाव में पैसे चल रहे थे वहीं, मैं अटलजी के एक वाक्य से जीत गया.

 

डॉ शर्मा ने कहा कि इसके बाद मैं दिल्ली गया. उस वक्त मदनलाल खुरानाजी, साहेब सिंह वर्माजी, कोहली जी और कुछ अन्य लोग किसी विषय पर विचार-विमर्श कर रहे थे. मेरे पहुंचते ही गले से लगाया. मथुरा का पेड़ा उन्हें कोई दे गया था. अपने हाथ से उन्होंने मुझे पेड़ा खिलाया और गले लगाया. यह पल सुख का ऐसा अनुभव था, जिसका विश्लेषण नहीं किया जा सकता. कुछ दिन पहले दर्शन करके आया हूं. माननीय अटलजी से मिलना था. अटलजी के परिजन के लोग वहां मौजूद थे. उन्होंने कहा जाओ कुछ बोलो शायद वे कुछ कहें. कान में जाकर मैंने कहा बापजी ‘मैं डॉक्टर आपका मेयर आया हूं. उन्होंने पूछा कैसे हो.’

 

अटलजी अपने आप में विराट व्यक्तित्व हैं. आज उनकी तुलना विश्व के किसी से नहीं की जा सकती. शर्मा ने कहा लखनऊ में तो होड़ लगती थी कि अटलजी का खास कौन है. छोटे से छोटे कार्यकर्ता को भी नाम से बुला लेते थे.

 

उन्होंने कहा हरकिशन सिंह सुरजीत कम्युनिस्ट पार्टी के नेता थे. जब वे एक बार लखनऊ पहुंचे तो अटलजी ने उन्हें गले लगाते हुए कहा कैसे हो सुरजीत. यह देखकर सभी कार्यकर्ता भी चौंक गए थे. शर्मा ने कहा विपक्षी भी उन्हें बहुत मानते थे. आज जब उनका स्वास्थ्य चिंताजनक बना हुआ है तो अंतर्मन में वेदना है.

 

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