मुजफ्फरनगर कांड के बाद जागे नितीश कुमार, कहा – अब होगी सभी शेल्टर होम की जांच

 

मुजफ्फरपुर बालिका गृह में हुए यौन शोषण के मामले पर पहली बार मीडिया से बात करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज (सोमवार) कहा कि बिहार में अब किसी भी शेल्टर होम की जिम्मेदारी एनजीओ को नहीं दी जाएगी, उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ही इसका संचालन करेगी. इसके लिए भवन बनाए जाएंगे।

 

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने बिना नाम लिए तेजस्वी यादव पर जमकर हमला बोला,  नीतीश कुमार ने कहा कि जंतर-मंतर पर चार्जशीटेड लोगों का जमावड़ा लगा था। ये लोग घटना को लेकर संवेदनशील नहीं हैं, यह बात इनकी हंसी से साफ झलक रही थी, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के आरोपी आज कैंडिल मार्च निकाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि धरना तो इसलिए किया गया था कि राजनीति में भ्रष्टाचार कोई मुद्दा नहीं रहे, चार्जशिटेड और कोर्ट से समन पाए लोगों का जमावड़ा था।

 

बिहार सरकार ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड से सबक लेते हुए राज्य के सभी शेल्टर होम की जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस संबंध में सभी जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वो राज्य के सभी बाल संरक्षण गृह (चाइल्ड शेल्टर होम) और नारी संरक्षण गृह (वूमेन शेल्टर होम) की जांच करें।

 

बता दें कि इस साल के शुरुआत में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस, मुंबई (टीआईएसएस) ने अपने सोशल ऑडिट के आधार पर मुजफ्फरपुर के साहु रोड स्थित बालिका सुधार गृह (शेल्टर होम) में नाबालिग लड़कियों के साथ कई महीने तक रेप और यौन शोषण होने का खुलासा किया था।

 

मेडिकल जांच में शेल्टर होम की कम से कम 34 बच्चियों के साथ रेप की पुष्टि हुई है। पीड़ित कुछ बच्चियों ने कोर्ट को बताया कि उन्हें नशीला पदार्थ दिया जाता था फिर उनके साथ रेप किया जाता था. इस दौरान उनके साथ मारपीट भी होती थी। पीड़ित लड़कियों ने बताया कि जब उनकी बेहोशी छंटती थी और वो होश में आती थीं तो खुद को निर्वस्र (बिना कपड़ों) पाती थीं। इस घटना के सामने आने के बाद नीतीश सरकार की काफी किरकिरी हुई है।

 

मामले के तूल पकड़ने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी सीबीआई जांच की सिफारिश की, इसके अलावा शेल्टर होम चलाने वाले एनजीओ को काली सूची (ब्लैक लिस्ट) में डाल दिया गया है। 28 जुलाई को सीबीआई की टीम ने मामले की जांच शुरू कर दी. इस हाई प्रोफाइल केस में कई आरोपी जेल में हैं।