मुजफ्फरपुर रेप केस की जाँच अब हाईकोर्ट की निगरानी में, सरकार-सीबीआई से मांगी रिपोर्ट

 

 

पटना: मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेप कांड में चीफ जस्टिस राजेन्द्र मेनन की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को नोटिस जारी किया है और अब तक इस केस में की गई कार्रवाई का ब्यौरा भी मांगा है. बिहार के एडवोकेट जनरल ने कोर्ट से मॉनिटरिंग करने का अनुरोध किया है और पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन ने इसे स्वीकार कर लिया है.

 

मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेप केस में जमानत के लिए भी विशेष जज होंगे. हाईकोर्ट इस मामले में दो सप्ताह बाद फिर से सुनवाई करेगी. इस केस में फिलहाल 11 में से 10 आरोपी जेल में बंद हैं तो वहीं एक आरोपी की पुलिस तलाश कर रही है और साथ ही एक महीने के अंदर आत्मसर्मपण नहीं करने पर कुर्की जब्ती करने का भी निर्देश दिया है.

 

मुजफ्फरपुर रेप कांड मामले की जांच में लंबे समय से हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग की मांग की जा रही थी. सीबीआई आज समाज कल्याण विभाग और TISS से दस्तावेज लेकर मुजफ्फरपुर जांच के लिए पहुंच चुकी है.

 

 

मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में समाज कल्याण विभाग ने कार्रवाई करेत हुए छह जिलों के सहायक निदेशक और सात जिलों के बाल संरक्षण पदाधिकारी को सस्पेंड किया है. उम्मीद की जा रही है कि इस मामले में अभी कई और लोगों पर भी गाज गिर सकती है.

 

बहरहाल खबरों की मानें तो निलंबित सहायक निदेशक दिवेश शर्मा से पूछताछ भी कर सकती है. ब्रजेश ठाकुर के गायब मोबाइल पर भी सीबीआई की नजर है. कॉल डिटेल से कई राज खुल सकते हैं.

 

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