यूपी पुलिस, आपकी सेवा में सदैव तत्पर। ये स्लोगन आपने कई जगह लिखा देखा होगा। पर, बता दें कि ये सिर्फ स्लोगन नहीं है, इसको पुलिस के जवान हर कदम पर चरितार्थ करते रहते हैं। यूपी 112 हमेशा ही लोगों की मदद को तैयार रहती है। अगर आंकड़ों की बात करें तो यूपी 112 के कंट्रोल रूम में 1300 फोन कॉल आती हैं जिस पर त्वरित मदद पहुंचाई जा रही है। ये कॉल सिर्फ महिलाओं के सम्बन्धित शिकायत दर्ज कराने के लिए आती हैं।
एडीजी ने बताया ये
यूपी 112 के एडीजी असीम अरुण ने बताया कि मिशन शक्ति के अन्तर्गत महिला सुरक्षा पर काफी ध्यान दिया जा रहा है। इसी अभियान के चलते महिलाओं को जागरूक भी किया जा रहा है। हाल ही में 112 ने ये शुरुआत की थी कि अगर कोई महिला बार-बार घरेलू हिंसा का शिकार है तो वह 112 पर कॉल करके अपना रजिस्ट्रेशन करा सकती है। रजिस्ट्रेशन में महिला का नाम, पता और मोबाइल नंबर दर्ज किया जाता है।
पंजीकरण के बाद महिला पीआरवी पर तैनात पुलिस कर्मी संबंधित महिला को उसके अधिकारों के बारे में घर पर जाकर बताएंगे। प्रताड़ित करने वाले को पुलिस सचेत करेगी। इसके बाद भी उत्पीड़न होता है तो पुलिस कार्रवाई भी करेगी। जिन महिलाओं का रजिस्ट्रेशन यूपी 112 में हो चुका है उन्हें बार-बार अपना नाम-पता बताने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब तक पांच हजार से अधिक महिलाओं का पंजीकरण किया गया है।
हर रोज आ रहीं 1300 कॉल्स
बता दें ये अभियान काफी कारगर साबित हुआ है। अगर आंकड़ों की बात करें तो 112 के सहारे हर दिन 1300 महिलाओं तक पुलिस मदद के लिए पहुंच रही है। पंजीकरण के समय महिला का विवरण 112 के सॉफ्टवेयर में दर्ज किया जाता है ताकि जरूरत के समय त्वरित पुलिस सहायता दी जा सके। अभी रोजाना करीब 1300 विभिन्न प्रकार की हिंसा से प्रभावित महिलाएं 112 को कॉल कर मदद ले रही हैं, जिनमें औसतन 800 मामले घरेलू हिंसा से संबंधित होते हैं।
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