उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के बिकरू गांव में हुए एनकाउंटर के आरोपियों पर कार्रवाई का दौर लगातार जारी है। दरअसल, एसआईटी की जांच में कुल 55 पुलिसकर्मी जांच के दायरे में हैं। इनमें से कई के नाम व वर्तमान तैनाती के बारे में जानकारी नहीं है। अधिकारियों से जांच में तेजी लाने को कहा गया है। वहीं एसआईटी की जांच में कई पुलिस कर्मियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी कर दिया गया है।
जांच में हुए कई खुलासे
जानकारी के मुताबिक, आईजी ने बताया कि बिकरू कांड से संबंधित कुल 15 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इनमें से दस कानपुर नगर, तीन कानपुर देहात और दो लखनऊ में दर्ज हुए हैं। केवल दो जुलाई को दर्ज बिकरू कांड के मुकदमे में चार्जशीट लगी है। इस जांच में 55 पुलिस वालों के नाम भी सामने आए हैं, जिसके चलते इन सभी को जांच के दायरे में लाया गया है।
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इसके साथ ही आईजी ने ये भी बताया कि एसआईटी की संस्तुति पर चार राजपत्रित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच, दो को कारण बताओ नोटिस, 11 के खिलाफ प्रारंभिक जांच के आदेश दिए गए हैं। वहीं, सात अराजपत्रित पुलिसकर्मियों के खिलाफ दीर्घ दंड, छह के खिलाफ लघु दंड और 23 के खिलाफ प्रारंभिक जांच चल रही है। फिलहाल मामले में 36 आरोपियों को पुलिस अब तक जेल भेज चुकी है।
एसआईटी ने की पुलिस पर कार्रवाई की मांग
गौरतलब है कि जुलाई 2020 को विकास दुबे के घर दबिश डालने गई पुलिस टीम पर विकास के गुर्गों ने हमला कर दिया था। बदमाशों से मुठभेड़ में तत्कालीन सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिस कर्मियों की गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी। इस प्रकरण में हुई एसआईटी की जांच में कई संस्तुतियां की गई हैं, जिनमें से पुलिसकर्मिय���ं के खिलाफ भी कार्रवाई होनी है।
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