प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति और संशोधित शासनादेश बचाने की मांग को लेकर भाजपा कार्यालय घेराव वा प्रदर्शन कर रहे बीटीसी अभ्यर्थियों को पुलिस ने खदेड़ दिया. गौरतलब है कि, यह लोग प्राथमिक स्कूलों में 68,500 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया पूरी कर नियुक्ति करने की मांग को लेकर सरकार से जवाब मान रहे है. ऐसे में आज यह काफी तादात में बीटीसी अभ्यर्थी दारुलशफा परिसर में एकत्र हुए और प्रदर्शन किया.
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प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते हुए भाजपा कार्यालय के गेट तक पहुंच गए, जहां उनकी पुलिसकर्मियों से नोकझोंक हुई. बाद में पुलिस ने इन्हें बलपूर्वक खदेड़ना शुरू किया तो भगदड़ मच गई. प्रदर्शनकारियों में शामिल आदित्य पांडेय ने बताया कि सरकार ने 68500 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा से पहले बीती 21 मई व 9 जनवरी के शासनादेश में संशोधन करते हुए उत्तीर्ण अंक 30 व 33 फीसदी कर दिया था. जिस पर भर्ती विरोधी मानसिकता के लोगों ने शासनादेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी. हाईकोर्ट ने 24 जुलाई 2018 को शासनादेश पर रोक लगाते हुए तीन सप्ताह में सरकार को काउंटर दाखिल करने का निर्देश दिया.
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हाईकोर्ट की डबल बेंच में की थी अपील
उन्होंने बताया कि शासनादेश बचाने के लिये अभ्यर्थियों ने अपनी ओर से हाईकोर्ट की डबल बेंच में अपील की. इस पर भी कोर्ट ने मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा से स्पष्टीकरण मांगा लेकिन उन्होंने अपने जवाब में कहा कि प्रकरण में मेरी तैयारी नही है. अभ्यर्थियों ने कहा कि कई बार की वार्ता के बावजूद संशोधित शासनादेश को बचाने का प्रयास नहीं किया जा रहा है. उन्होंने सरकार से संशोधित शासनादेश को बचाकर नियुक्ति देने की मांग की है. प्रदर्शन में मुख्य रूप से अवनीश कुमार, तूफान सिंह, आलोक सिंह, धर्मजीत सिंह, अंशुल शर्मा नवीन चौधरी शामिल रहे.
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