7वां वेतन आयोग: मोदी सरकार का केंद्रीय कर्मचारियों को तोहफ़ा, मिलेगा ‘डबल’ फ़ायदा

लम्बे समय से 7वें वेतन आयोग के लागू होने की प्रतीक्षा कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों को मोदी सरकार की तरफ से डबल तोहफा मिला है. मोदी सरकार के द्वारा उठाये गए इस कदम से केंद्रीय कर्मचारियों को सीधा फायदा मिलेगा. इस कदम का पहला फायदा यह होगा कि राष्ट्रीय पेंशन योजना में केंद्र का योगदान अब 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया गया है. मोदी सरकार के इस फैसले से 18 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा. मंत्रिमंडल ने कर्मचारियों के 10 प्रतिशत तक योगदान के लिए आयकर कानून की धारा 80सी के तहत कर प्रोत्साहन को भी मंजूरी दी. सरकार ने चुनाव नतीजों के चलते इस फैसले की घोषणा नहीं की थी. सरकार ने इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी है. हालांकि, कर्मचारियों का न्यूनतम योगदान 10 प्रतिशत बना रहेगा. साथ ही इस कदम का दूसरा फायदा यह होगा कि केंद्रीय कर्मचारियों को रिटायरमेंट के वक्त पूरा पैसा निकालने पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. यह निर्णय पिछले हफ्ते हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया है. सरकारी कर्मचारियों को कुल कोष में से 60 प्रतिशत अंतरित करने को मंजूरी दी गई, जो फिलहाल 40 प्रतिशत है. सूत्रों के मुताबिक कर्मचारियों के पास निश्चित आय उत्पादों या शेयर इक्विटी में निवेश का विकल्प होगा.

 

केंद्रीय कर्मचारियों के हित में हुए है बदलाव: जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि राष्ट्रीय पेंशन योजना में जो बदलाव किए गए हैं वो केंद्रीय कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए किए हैं. राष्ट्रीय पेंशन योजना के अंतर्गत सब्सक्राइबर 60 प्रतिशत तक कॉर्पस निकाल सकता है. साथ ही बचा हुआ 40 प्रतिशत फंड वार्षिकी भुगतान के रूप में मिलता है. राष्ट्रीय पेंशन योजना एक सरकारी योजना है, जिसे सरकारी कर्मचारियों के लिए जनवरी 2004 में लॉन्च किया गया था. इसके बाद 2009 में सभी वर्गों के लिए खोला गया. 7वें वेतन आयोग ने सचिवों की एक समिति गठित करने भी सिफारिश की थी, जिसके बाद समिति गठित की गई और उसने 2018 में अपनी रिपोर्ट सौंपी.

 

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वेतन बढ़ाने पर होगा फैसला, प्रमोशन का तरीका 2019 से बदलेगा

7वें वेतन आयोग के लागू होने का इंतजार केंद्रीय कर्मचारियों को बेसब्री से है. आपको बता दें कि 7वें वेतन आयोग के अनुसार केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 18000 रुपए होनी है. लेकिन, कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें सैलरी की सिफारिशों से ज्यादा बढ़ाया जाए. कर्मचारी चाहते हैं कि उनकी न्यूनतम सैलरी को बढ़ाकर 26000 रुपए महीने कर दिया जाए. वहीं, फिटमेंट फैक्टर को 2.57 गुना से बढ़ाकर 3.68 गुना किया जाए. साथ ही केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक और राहत भरी खबर है. अगले साल यानी 2019 से सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नति और वेतन वृद्धि का फैसला करने के लिए एक नई विधि स्थापित होगी. इससे सीधे कर्मचारियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर सैलरी मिलेगी.

 

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