जिसने भी मेरे पापा के साथ ऐसा किया, उसकी गर्दन पकड़कर ऐसे तोड़ूंगी कि रूह तक कांप जाएगी’… -अजय पंडिता की बेटी

जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकियों ने सोमवार को 40 वर्षीय कश्मीरी अजय पंडिता (Ajay Pandita) सरपंच की गोली मारकर हत्या कर दी. लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली है. बता दें कि अजय पंडित वहाँ एकमात्र हिंदू सरपंच थे. अजय भारती को कश्मीर में पंडित होने की कीमत चुकानी पड़ी. अजय पंडिता के परिवार में उनके माता-पिता के अलावा पत्नी और दो बेटियाँ हैं.


अजय पंडिता की बेटी शीन (Sheen Pandita) ने पिता की हत्या पर आक्रोश जताते हुए कहा कि जिसने भी उनके पिता के साथ ऐसा किया है, उसको वो जिंदा नहीं छोड़ेंगी. एक गोली तो मारेंगी ही. शीन ने हत्यारे को चेतावनी देते हुए कहा कि तुझे क्या लगता है, तूने अजय भारती को मारा है. उनका शेर अभी जिंदा है. जिंदा नहीं छोड़ूँगी तुम्हें. एक गोली तो मारुँगी मैं उसे, सिर्फ एक गोली जाएगी मेरी तरफ से उसे. मेरे पापा मुझे शेरा बुलाते थे और मैं हूँ वो. मैं किसी से नहीं डरती. सामने बोल रही हूँ कि जिसने भी मेरे पापा के साथ ऐसा किया है, उसकी गर्दन हाथ में पकड़कर ऐसे तोड़ूँगी न कि उसकी रुह तक काँपनी चाहिए.


अजय भारती की बेटी बताती हैं कि जब वो पापा से कहती थी कि मुस्लिम बुरे हैं, सिख बुरे हैं, तो वो हमेशा कहते थे कि हम किसी भी धर्म के बारे में नहीं बोल सकते हैं कि कौन सा बुरा है और कौन सा अच्छा है. हाँ, इंसानों की गारंटी नहीं है, वो बुरे हो सकते हैं. उनके लिए धर्म का एक ही मतलब होता था और वो था- इंसानियत का धर्म. शीन बताती हैं कि अजय भारती दिल के इतने साफ थे कि वो न केवल इंसानों के लिए बल्कि जानवरों के प्रति भी काफी संवेदनशील थे. वो जब भी रोड पर किसी जानवर को घायल देख लेते थे तो तुरंत उसका उपचार करवाते थे.


शीन ने कहा कि मैं अजय भारती की बेटी हूँ और मैं डरती किसी के बाप से नहीं हूँ. सामने आ जाए, जिसने भी ये किया है. इधर ही बोल रही हूँ. बोटी-बोटी काट दूँगी मैं उसकी. जिंदा नहीं बचेगा तू. मेरे पापा हमेशा कहते थे कि चाहे, बीजेपी में रहो, कांग्रेस में रहो, AAP में रहो या फिर किसी भी पार्टी में रहो, मगर कभी गलत मत करना. उन्होंने कभी भी किसी के साथ गलत नहीं किया. उन्होंने तो कभी किसी के लिए बुरा सोचा तक नहीं होगा. आज एक-एक जुबान पर अजय भारती का नाम है. मुझे काफी खुशी हो रही है इस बात की, उन्होंने देश के लिए अपनी जान दी. वो इस इज्जत के हकदार हैं. उन्होंने देश के लिए जान दी तो अब देश के लोगों का फर्ज बनता है उनके बलिदान का मान रखें.



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