उत्तर प्रदेश के अमेठी (Amethi) से बेहद सनसनीखेज मामला सामने आ रहा है. यहां मुस्लिम समुदाय के लोगों से तंग आकर एक हिंदू परिवार पलायन को मजबूर है. पीड़ित ने अपने घर के बाहर “यह मकान बिकाऊ है” का बोर्ड लगा रखा है. पीड़ित ने फेसबुक पोस्ट में डर की बात कहते हुए मकान बेंचकर कहीं और चले जाने की बात कही है. वहीं मामला संज्ञान में आते ही पुलिस ने उल्टा पीड़ित पर ही मुकदमा दर्ज करने की चेतावनी दी है. वहीं इस मामले की जांच अब एडीएम को सौंपी गई है.
जानकारी के मुताबिक यह पूरा मामला अमेठी के सैदापुर गांव के नुवांवा मजरा का बताया जा रहा है. पीड़ित अनिल द्विवेदी के मुताबिक 27 मई 2020 शाम 6 बजे मेरे बड़े बेटे उत्कर्ष द्विवेदी ने अमजद पुत्र जाकिर हुसैन को बाग में बकरियों को आम की नीची डाली से पत्तियां खिलाने से रोका तो गाली गलौज करते हुए घर से और लोगों को बुला लिया. शाहरुख, अमजद, अफजल, कटाले, शब्बीर आदि ने बेटे को मारपीट कर लहूलुहान कर दिया. आवाज सुनकर मेरी छोटी बेटी शीतांशु छुड़ाने दौड़ी तो उसे भी मारा पीटा व पूरे घर को जान से मारने की धमकी देते हुए भद्दी भद्दी गालियां दी.
पीड़ित ने बताया कि उस समय मैं पत्नी के साथ खेतों की तरफ गया था. बेटे ने फोन पर जानकारी दी. घर आकर पत्नी के साथ बेटे को लेकर अमेठी कोतवाली गये. वहाँ FIR दर्ज की गई. बेटे का मेडिकल हुआ।रात्रि 11 बजे के बाद मुझे थाने में बैठा लिया गया व मेरा मोबाइल ले लिया गया, और पत्नी व बेटे को घर भेज दिया. वहीं अगले दिन सुबह 7 बजे पत्नी बेटे उत्कर्ष के साथ मेरे लिये चाय बिस्किट लेकर कोतवाली अमेठी पहुंचे.
लगभग 8 बजे लगभग मेरे घर पर लाठी डंडों से लैस होकर कटाले, बाले, डॉक्टर, अली हुसैन, माने, ननकऊ, रज्जाक, अफजल, शाहरुख, हाजिरन पत्नी जाकिर हुसैन आदि को घर की तरफ आते देख छोटी बेटी ने गेट बंद करके ताला लगा लिया गया. घर में छोटा बेटा उत्सव द्विवेदी और बेटी ही मौजूद थी. दबंगो ने घर पर पत्थर बरसाते हुए भद्दी भद्दी गालियां दीं व पूरे घर वालों को जान से मारने की धमकी दी.
पीड़ित के मुताबिक बच्चों ने अपनी मम्मी को फोन पर तुरन्त सूचना दी, जोकि थाने में ही बैठी थी. पत्नी ने मदद की गुहार लगाई तो कोई सुनने वाला ही नही था. एक सिपाही सिविल ड्रेस में बैठा था बोला कि तुम झूठ बोल रही हो मैंने फोन करके पता कर लिया वहाँ कुछ नही हो रहा है. जब एक राजनेता का फोन आया तो दरोगा ने दबिश दी और एक लड़के अफजल को पकड़ लिया और शाम को ही 151 धारा लगाकर उसे भी छोड़ दिया.
डर के कारण पालायन को मजबूर
पीड़ित के मुताबिक पत्थरबाजी की वारदात हो हुए 15 दिन हो गए है. वे लोग मुझे डराने की बराबर कोशिश करते रहते है. हम लोग अपना घर बेचकर किसी सुरक्षित जगह जाना चाहते हैंं.
पुलिस ने उल्टा पीड़ित को ही धमकाया
यह मामला पुलिस के संज्ञान में आया तो कोतवाली से एसओ श्याम सुंदर ने उत्कर्ष के नंबर पर फोन आया. वहां दारोगा ने मदद करने के बजाय पीड़ित को ही मुकदमा दर्ज करने की चेतावनी दे डाली वहीं मामले में सीओ पीयूषकांत का कहना है कि विवाद काफी पुराना है. दो परिवारों के मध्य की बात है,जिसे ऐसा रंग दिया जा रहा है. मामले में उचित कार्रवाई की जा रही है.
एसपी ने कही कार्ऱवाई की बात
वहीं मामले पर एसपी डॉ ख्याति गर्ग ने बताया कि घटना पुरानी है. पुलिस ने कार्रवाई भी की है.सीओ को मौके पर जाकर पूरे मामले की फिर से गहनता से जांच करने का आदेश दिया गया है. जांच में जो भी दोषी मिलेंगे। उनके विरुद्ध कार्रवाई होगी.
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