केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union cabinet) ने बुधवार को वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 30 लाख से अधिक गैर-राजपत्रित कर्मचारियों के लिए उत्पादकता (प्रोडक्टिविटी) से जुड़े बोनस और गैर-उत्पादकता बोनस को मंजूरी दे दी। बोनस की एकमुश्त राशि दशहरा से पहले ही डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से कर्मचारियों के खातों में भेजी जाएगी। इससे सरकार पर कुल 3,737 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा।
त्योहारी सीजन से पहले सरकारी कर्मचारियों को खुश करने के लिए सरकार ने उन्हें यह तोहफा दिया है। 12 अक्टूबर को वित्त मंत्री ने आगामी त्योहारों के मौसम में खर्च करने के लिए सरकारी कर्मचारियों को प्रेरित करने के लिए कई उपायों की घोषणा की, जिनमें ‘एलटीसी कैश वाउचर स्कीम’ और ‘स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम’ शामिल हैं।
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केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि कर्मचारियों को बोनस देने से सरकार पर 3,737 करोड़ रुपये का बोझ आएगा। आपको बता दें कि इससे पहले केन्द्र सरकार ने हाल ही में सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को त्यौहारों के मौके पर 10,000 रुपये का ब्याज मुक्त अग्रिम देने का फैसला किया था। उपभोक्ता खर्च बढ़ाकर अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाने की योजना के तहत सरकार ने यह कदम उठाया था।
जावड़ेकर ने बताया कि विजयदशमी या दुर्गा पूजा से पहले ही 30 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 3737 करोड़ रुपये के बोनस का भुगतान तुरंत शुरू होगा। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए एक ही किश्त में बोनस दिया जाएगा।
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उन्होंने कहा कि केंद्रीय कर्मचारियों, रेलवे, डाकतार, रक्षा उत्पाद, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन और कर्मचारी राज्य बीमा निगम के कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह पैसा मध्यम वर्ग के पास जाएगा और बाजार मे मांग में इजाफा होगा।
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