अब पीपीई और मास्क को 1 नहीं बल्कि 20 बार कर सकेंगे इस्तेमाल, IITR के साथ मिलकर लखनऊ बेस्ड स्टार्टअप ने बनाई मशीन

कोरोना काल में फ्रंटलाइन वॉरियर्स को संक्रमण से बचाने के लिए पीपीई किट और मास्क (PPE and Face Mask) कवच का काम कर रहीं हैं. वहीं एक बार इस्तेमाल के बाद ये संक्रमित हो जाती हैं जिसके बाद इन्हें फेंकना पड़ता है. देश में लाखों पीपीई किट और मास्क इस्तेमाल के बाद नष्ट किए जाते हैं वहीं इसी एक अचछी खबर सामने आ रही हैं, लखनऊ आधारित एक स्टार्टअप ने भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान (IITR ) के साथ मिलकर एक माइक्रोवेव आधारित ऑप्टीमेजर (Optimaser) बनााया जो इंफेक्टेड पीपीई किट और मास्क को फिर से इस्तेमाल करने के लिए डिसइंफेक्ट करता है.


भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान के निदेशक आलोक धवन ने बाताया कि यह मशीन संक्रमित पीपीई और मास्क को डिसइंफेक्ट करने में केवल 10 मिनट लेता है. इससे डिसइंफेक्ट करके एक मास्क को 20 बार उपयोग किया जा सकता है. इसका परीक्षण अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, जोधपुर और संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ में इसका परीक्षण भी हुआ जहां सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं.


उन्होंने कहा कि यह तकनीक ऩए पीपीई औऱ मास्क के खर्चे में कम करेगा. साथ ही इन्हें नष्ट करने में होने पाले प्रदूषण से भी बचाएगा. हम इसे दोबारा परीक्षण के लिए कानपुर के स्माल आर्म्ड फैक्टरी में भजेंगे. उन्होंने कहा कि देश में तेजी से बढ़ रही कोरोना महामारी के समय यह मशीन बेहद कारगर साबित होने जा रही है.


ऑप्टीमेजर के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मोनीष भंडारी ने बताया कि यह मशीन समान्य माइक्रोवेव की तुलना में 10 गुना तक गर्म हो जाता है. हालांकि इससे प्लाटिक नहीं पिघल सकता औऱ न ही कपड़े को किसी भी प्रकार का कोई नुकसान पहुंच सकता है. डिसइंफेक्ट करने के लिए इसे 60-70 फीसदी तापमान की आवश्यकता होती है. इस बहुत अधिक पाॉवर कनेक्शन की आवश्यकता नहीं होती यहां तक कि यह घरों में सप्लाई होने बिजली में भी बड़े आराम से चल सकता है.


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