उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद (Farrukhabad) जिले की पुलिस (Police) उस समय एकदम फुस्स होती दिखी, जब पुलिस थानों (Police Station) का हाल जानने के लिए कानपुर जोन के एडीजी (ADG Zone Kanpur) वहां पहुंच गए. समाधान दिवस के मौके पर फर्रुखाबाद पहुंचे एडीजी प्रेम प्रकाश ने थाना राजेपुर में जनसुनवाई के बाद थाने का हाल जानना शुरू किया, इस दौरान धीरे-धीरे करके सारी सच्चाई सामने आती गई. एडीजी ने पुलिसकर्मियों से आईजी और डीएम के नाम पूछे तो वह जवाब नहीं दे सके. यह देख एडीजी ने नाराजगी जाहिर की. बता दें प्रदेश में यूपी 112 सेवा भले ही हाईटक होने का दावा कर रही हो. लेकिन, जमीनी हकीकत इसकी पोल खोलती दिख रही है.
दरअसल, शनिवार को कानपुर मंडल एडीजी प्रेम प्रकाश समाधान दिवस के मौके पर जनपद फर्रुखाबाद पहुंच गए. थाना राजेपुर में जनसुनवाई के बाद उन्होंने अपराध रजिस्टर को चेक किया. जिसमें आईजी जोन का नाम गलत एवं एडीजी का नाम गायब मिला. इस पर अचानक एडीजी ने बीट सिपाही से लेकर चौकी प्रभारी से आईजी, एसपी, डीएम के नाम के बारे में पूछताछ की. जिस पर पुलिसकर्मी असहज हो गए और जवाब नहीं दे सके. इतना ही नहीं एडीजी ने बीट सिपाहियों से हिस्ट्रीशीटरों की संख्या एवं कुछ सक्रिय बदमाशों के नाम को जानने का प्रयास किया, लेकिन जवाब सही नहीं मिलने पर वह असंतुष्ट हो गए.
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इस बीच एडीजी ने दारोगा संजय यादव से पिस्टल खोलने को कहा तो घबराहट में पिस्टल की मैगजीन ही जमीन पर गिर गई. जिस पर एडीजी ने कहा कि पिस्टल खोलना आता भी है या सिर्फ लगाकर चल देते हो. इस दौरान उन्होंने राजेपुर थानाध्यक्ष जयंती प्रसाद गंगवार समेत पुलिसकर्मियों को जमकर फटकार भी लगाई. इस पर उन्होंने राजेपुर थानाध्यक्ष से कहा कि अगली बार अगर थाने में यह हाल मिल गया तो देखना तुम्हारा क्या हाल बनाता हूं.
इस पूरे मामले पर एडीजी प्रेम प्रकाश ने बताया कि सिपाहियों की जानकारी के आभाव में सुपरवाइजर अधिकारी दोषी हैं, जानकारी नहीं ली जाती है. लेकिन आगे इनको निरंतर अभ्यास की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जल्दी ही समस्या का समाधान किया जायेगा और इनकी ट्रेनिंग को निरंतर कराया जाना सुनिश्चित किया जायेगा.
वहीं, पुलिस के हालात देख इस बात का साफ़ अंदाजा लगाया जा सकता है कि थानों में चल रही पुलिसिंग की व्यवस्था राम भरोसे ही है. अपराधियों से निपटना तो दूर अपने पास हथियारों को सुरक्षित रखना भी इनके लिए मुश्किल का बना हुआ है.
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