उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद (Moradabad) से हिंदू नाबालिग (Hindu Minor) का जबरन धर्मांतरण (Forced Religious Conversion) कराने का मामला सामने आ रहा है. मुस्लिम युवक पर आरोप है कि उसने अपने भाइयों संग मिलकर सरेराह किशोरी को कार से उठाकर ले गए, इसके बाद पीड़िता का जबरन धर्मांतरण कराया गया. इतना ही नहीं अब पीड़ित परिवार पर आरोपी का परिवार बेटी की तर्ज पर धर्म परिवर्तन करने का दबाव बना रहा है. पीड़िता के पिता की तहरीर पर 5 लोगों को नामजद करते हुए छह के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है. पुलिस अगवा की गई किशोरी की बरामदगी करने में संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है.
हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक पीड़िता मझोला थाना क्षेत्र के कांशीराम नगर की रहने वाली है. पिता घरों पर कपड़े धोने का काम करते हैं. परिवार की आर्थिक स्थित भी ठीक नहीं है. पीड़िता के घर के पास ही दिलखुश पत्नी महबूब का परिवार रहता है. उसका बेटा सलमान पीड़ित की बेटी पर काफी समय से गलत नजर रख रहा था. इसकी शिकायत भी पुलिस में की गई, मगर कुछ दिनों तक शांत रहा. इसके बाद फिर से उसने छेड़छाड़ शुरू कर दी. बेटी से छेड़छाड़ का विरोध करने पर मारपीट की गई. इस मामले में केस दर्ज कराया गया था.
26 जुलाई को किशोरी अचानक घर से गायब हो गई. परिवार वाले लगातार उसकी तलाश करते रहे. 29 जुलाई को गीता सैनी ने बताया कि किशोरी को दिलखुश का लड़का सलमान अली अपने भाइयों के साथ कार में डालकर ले गया है. किशोरी चीख रही थी. वह जबरन धर्म परिवर्तन करने की बात कह रही थी. पीड़िता के पिता ने बताया कि इसकी शिकायत जब दिलखुश से की तो वह गुस्सा गई. उसने अपने पति व बेटों के साथ मिलकर घर धावा बोल दिया. लाठी-डंडों के साथ मारपीट की. किसी तरह जान बचाई.
पीड़िता के पिता ने आरोपी पक्ष बेटी की तर्ज पर जबरन धर्म परिवर्तन करने का दबाव बना रहा है. इनकार करने पर मारपीट कर रहा है. देर रात पीड़िता के पिता की तहरीर पर मझोला थाने में सलमान, फैजान, अर्शद, शानू, दिलखुश व एक अज्ञात के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया. इसकी पुष्टि इंस्पेक्टर मझोला ने की. उन्होंने कहा कि आरोपियों की तलाश की जा रही है. जल्द ही सभी को पकड़कर जेल भेजा जाएगा. वहीं अगवा किशोरी को भी सकुशल बरामद करने के लिए संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है.
नाबालिग पर 1 साल से गंदी नजर रख रहा था सलमान
पीड़िता के पिता ने बताया कि पारिवारिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण दिलखुश व उसके बेटे आए दिन दबंगई दिखाते रहते हैं. उसका लड़का बेटी पर करीब एक साल से गलत नजर रख रहा था. बेटी ने भी इसका विरोध किया. शिकायत करने पर दिलखुश इसे नजरंदाज करती रही और अपने बेटों को क्लीनचिट देती रही. दो बार कांशीराम नगर चौकी में भी शिकायत की मगर चौकी प्रभारी ने डांटकर भगा दिया. बेटी पर ही गलत होने का आरोप लगाया. शिकायत के बाद भी आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने से दिलखुश परिवार के हौसले बुलंद हो गए.
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