एक्शन में सीएम योगी, पशुपालन भर्ती घोटाले में डायरेक्टर समेत 6 अफसर सस्पेंड

लोकसभा चुनावों के बाद अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ एक्शन मोड में आ गए हैं. बड़े पैमाने पर विभागों में फैली गड़बड़ि‍यों की बात सामने आने पर मुख्यमंत्री ने कड़ा रुख अपनाते हुए कार्रवाई का दौर शुरू कर दिया है. उत्तर प्रदेश में पिछली एसपी सरकार के कार्यकाल के दौरान पशुपालन विभाग में हुई भर्तियों में गड़बड़ी पर विभाग के अपर निदेशक सहित छह अफसरों को रविवार को निलंबित कर दिया है.


मामले में पशु पालन विभाग के निदेशक चरण सिंह यादव के साथ अपर निदेशक अशोक कुमार सिंह, बस्ती के अपर निदेशक जी.सी. द्विवेदी, लखनऊ मंडल के अपर निदेशक डॉक्टर हरिपाल, बरेली मंडल के अपर निदेशक ए.पी. सिंह और अयोध्या के अपर निदेशक अनूप श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया गया है.


जानें क्या है मामला

2014 में पशुधन विभाग में 1198 पदों पर पशुधन प्रसार अधिकारियों के लिए भर्ती निकली थी.
1005 अभ्यर्थियों को चयन के बाद ट्रेनिंग दी गई और जॉइन करवा दिया गया. भर्ती में अफसरों ने लिखित परीक्षा 100 की जगह 80 अंकों की करवाई और 20 अंकों का साक्षात्कार रख दिया. इसके सहारे मनपसंद अभ्यर्थियों को चुना गया. जिसके बाद 34 अभ्यर्थियों ने रिट दाखिल की तो हाईकोर्ट ने एसआईटी से जांच करवाने को कहा. जांच में सामने आया कि भर्ती में नियमावली का कहीं पालन ही नहीं किया गया और मनमाने रवैये से अपने लोगों की भर्तियाँ करवा दी गयीं थी.


यह भर्ती 2014 में प्रदेश के 17 मंडलों में हुई थी. भर्ती प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाते हुए कुछ अभ्यर्थी हाईकोर्ट गए थे. हाईकोर्ट ने पूरे मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराने के निर्देश सरकार को दिए थे. योगी सरकार ने 28 दिसंबर, 2017 को मामले की जांच एसआईटी को सौंपी थी. इसके बाद मुख्यमंत्री ने यह कार्रवाई की है. शुरुआती जांच में एसआईटी ने सभी मंडल के अपर निदेशक ग्रेड 2 के अधिकारियों से पूछताछ की थी. साथ ही तत्कालीन पशुधन विभाग के निदेशक रुद्र प्रताप से भी पूछताछ की थी. इन सभी के खिलाफ धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120बी, 201 व 13(1) डी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था.


बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं

लगातार कार्रवाई के दौर के बीच सीएम योगी ने कहा, ‘किसी को भी कानून के साथ खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा. सभी आयोगों के प्रमुखों को साफ कह दिया गया है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में पूरी पारदर्शिता रखी जाए.’ योगी ने प्रदेश के युवाओं को भी भरोसा दिलाया कि जो लोग उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश करेंगे, उन्हें सलाखों के पीछे भेजा जाएगा.


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