UP: पुलिस विभाग की कंडम हो चुकी इमारतें होंगी ध्वस्त, जेल वार्डरों के प्रमोशन की अड़चन भी होगी दूर

उत्तर प्रदेश की योगी कैबिनेट ने पुलिस महकमे की कंडम हो चुकी इमारतों को ध्वस्त करने की मंजूरी दे गई है। पुलिस मुख्यालय की तरफ से प्रदेश के विभिन्न जिलों में पुलिस विभाग की कंडम हो चुकी इमारतों को गिराने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा था, जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पास कर दिया है।


यह प्रस्ताव पास होने के बाद प्रदेश के जौनपुर, फतेहपुर, इटावा, हरदोई, अलीगढ़, बुलंदशहर व वाराणसी में कलेक्ट्रेट या तहसीलों के अनावासीय भवनों के पुनर्निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। योगी कैबिनेट ने इसके लिए इन जिलों में निष्प्रयोज्य व जर्जर हो चुके 25 भवनों को ध्वस्त करने से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।


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इन भवनों के ध्वस्तीकरण से 2 करोड़ 10 लाख 24 हजार रुपये का नुकसान होगा। इसे बट्टे खाते में डालने का फैसला किया गया है। वहीं, जौनपुर के मछलीशहर, मड़ियाहू व केराकत तहसील, फतेहपुर में बिंदकी तहसील, हरदोई में शाहाबाद तहसील के अनावासीय भवनों का पुनर्निर्माण तथा वाराणसी के तहसील सदर के अनावासीय भवनों का निर्माण किया जाना है।


इसी तरह इटावा कलेक्ट्रेट परिसर में सीआरए कार्यालय भवन तथा अलीगढ़ व बुलंदशहर कलेक्ट्रेट के अनावासीय भवनों का पुनर्निर्माण होना है। इनके निर्माण के लिए इन तहसीलों व कलेक्ट्रेट परिसरों में पूर्व से संचालित 25 निष्प्रयोज्य भवनों, आवासों, कार्यालयों को ध्वस्त करने की सहमति दे दी गई है।


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जेल वार्डरों के प्रमोशन में नहीं आएगी दिक्कत


जेल वार्डरों के प्रमोशन में आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए कारापाल नियमावली में संशोधन किया गया है। पहले की नियमावली में जेल वार्डर की तीन श्रेणी थी। यह श्रेणी जेल के बाहर की सुरक्षा के लिए अलग बंदी रक्षक, जेल के अंदर की सुरक्षा के लिए अलग बंदी रक्षक और महिला बंदी रक्षक। इन पदों पर भर्तियां भी अलग-अलग होती थीं।


बाद में इन तीनों पदों को जेल वार्डर के रूप में मर्ज कर दिया गया था। लेकिन कारापाल नियमावली में यह संशोधन नहीं किया गया जिसकी वजह से लोक सेवा आयोग में उप कारापाल पदों पर प्रमोशन में दिक्कत आ रही थी। नियमावली में संशोधन के बाद जेल वार्डर की उप कारापाल के पदों पर होने वाले प्रमोशन में आने वाली कठिनाई दूर हो जाएगी।


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