22वें विधि आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति की मांग, बीजेपी नेता ने SC में दायर की याचिका

देश के 22वें विधि आयोग को ‘सांविधिक संस्था’ घोषित करने और एक महीने के भीतर इसके अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में गुरुवार को एक जनहित याचिका दायर की गई. यह याचिका बीजेपी नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय (Ashwini Upadhyay) ने दायर की है. केंद्रीय गृह, न्याय सचिव और विधि आयोग को पक्षकार बनाती इस याचिका में महीने भर के अंदर आयोग बनाने और इसे वैधानिक निकाय बनाने की भी मांग की गई है.


याचिका में कहा गया है कि 21वें विधि आयोग का कार्यकाल 31 अगस्त, 2018 को समाप्त हो गया था. लेकिन केन्द्र सरकार ने न तो उसका कार्यकाल बढ़ाया और न ही अभी तक 22वें विधि आयोग का गठन किया है. याचिका के अनुसार, ‘‘हालंकि केन्द्र ने 19 फरवरी, 2020 को 22वें विधि आयोग के गठन के फैसले की घोषणा की थी लेकिन इसके लिये अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्तियां अभी तक नही हुयी हैं.’’ याचिका में केन्द्र सरकार को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह यथाशीघ्र 22वें विधि आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति करे. साथ ही, यह भी अनुरोध किया गया है कि न्यायालय को वैकल्पिक उपाय के रूप में अपने संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल करते हुए आवश्यक पहल करनी चाहिए.


उपाध्याय ने विधि आयोग को यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया है कि नेताओं और अपराधियों की सांठगांठ के बारे में वोहरा समिति की रिपोर्ट पर विचार करने का निर्देश दिया जाए. याचिका में काला धन, बेनामी संपत्ति और आय के ज्ञात स्रोत से अधिक अर्जित की गई संपत्ति पूरी तरह से जब्त करने तथा ऐसे लोगों के चुनाव लड़ने पर जीवन भर के लिये प्रतिबंध लगाने के बारे में भी विधि आयोग को विचार कर अपनी रिपोर्ट पेश करने के वास्ते निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.


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