उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने पर विचार किए जाने पर संभल (Sambhal) से समाजवादी पार्टी के विधायक नवाब इकबाल महमूद (SP MLA Nawab Iqbal Mehmood) ने विवादित बयान दिया। सपा विधायक ने रविवार को कहा कि कानून की आड़ में मुसलमानों पर वार करने की साजिश है। जनसंख्या वृद्धि के लिए दलित और आदिवासी जिम्मेदार हैं। अब सपा विधायक के इस बयान पर पलटवार करते हुए यूपी एससी-एसटी आयोग की सदस्य साध्वी गीता (Sadhvi Geeta) ने कहा है कि देश की जनसंख्या और बेरोजगारी दलितों ने नहीं, बल्कि मुस्लिम समुदाय ने दो-दो बीवियां और 20-20 बच्चे पैदा करके बढ़ाई हैं।
अपने समुदाय को समझाएं सपा विधायक इकबाल महमूद
साध्वी गीता ने सोमवार को मुरादाबाद में सपा विधायक नवाब इकबाल महमूद के बयान पर पलटवार करते हुए एक न्यूज चैनल को दी गई बाइट में कहा है कि जब हम मुस्लिम समुदाय में जाते हैं। बहुत सारे ऐसे परिणाम बता सकती हूं, जिनकी दो-दो या फिर तीन-तीन पत्नियां हैं और एक एक के बीस-बीस बच्चे हैं।
एससी-एसटी आयोग की सदस्य ने कहा कि दलितों और आदिवासियों पर उंगली उठाने से पहले इकबाल महमूद अपने समुदाय के लोगों को समझाएं कि वह तीन-तीन बीवियां रखना और 20-20 बच्चे पैदा करना बंद करें। उनसे यह बेरोजगारी फैल रही है। देश में गरीबी आ गई है। भारतीय जनता पार्टी और सरकार यह कानून ला रही है। साध्वी गीता ने कहा कि जब यह कानून आएगा तो इस कानून को सभी को अपनाना पड़ेगा। क्योंकि सरकार सर्वसमाज को लेकर काम कर रही है। चाहें वह हिंदू हो या मुसलमान हो, लेकिन कुछ समुदाय के लोग हमारी सरकार को बदनाम कर रहे हैं।
जनसंख्या वृद्धि के लिए दलित-आदिवासी लोगों को ठहराया था जिम्मेदार
बता दें कि सपा विधायक ने कहा था कि दलित और आदिवासियों के पास न तो नौकरियां हैं न ही काम, इसलिए दलित-आदिवासी सिर्फ बच्चे पैदा करने का काम कर रहे हैं। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार जनसंख्या वृद्धि पर अंकुश लगाने के लिए एक कानून लाने पर विचार कर रही है। यह जनसंख्या नियंत्रण की आड़ में मुसलमानों पर वार है। भाजपा के लोग अगर समझते हैं कि देश में सिर्फ मुसलमानों की तादाद बढ़ रही है तो यह कानून संसद के अदर आना चाहिए था। ताकि पूरे देश में लागू होता, यह उत्तर प्रदेश में ही क्यों लाया जा रहा है।
भल सीट से सपा विधायक ने कहा कि सबसे ज्यादा आबादी दलितों और आदिवासियों के यहां बढ़ रही है, मुसलमानों के यहां नहीं। मुसलमान तो अब समझ गए हैं कि 2-3 बच्चों से ज्यादा नहीं होने चाहिए। नवाब इकबाल महमूद ने कहा कि इस कानून का नतीजा भी एनआरसी जैसा ही होगा और असम में एनआरसी का असर मुसलमानों पर कम और गैर मुस्लिमों पर ज्यादा पड़ा।
सपा विधायक ने कहा कि जनसंख्या कानून का भी यही हश्र होगा और यह समझ में नहीं आता कि योगी सरकार का महज सात महीने का कार्यकाल बचा है, ऐसे में जनसंख्या कानून पर बात क्यों की जा रही है। सपा विधायक ने कहा कि अगर सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून लाती है तो समाजवादी पार्टी विरोध करेगी।
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