CM योगी के निर्देश पर तीसरी लहर को लेकर युद्ध स्तर पर हो रही तैयारी, 20 दिनों में 2788 मेडिकल स्टाफ की हुई भर्ती

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की कोरोना के खिलाफ मुहिम का असर धरातल पर दिखने लगा है. दूसरी लहर मंद होने के बाद तीसरी लहर को देखते हुए तैयारियों को युद्ध स्तर पर अमलीजामा पहनाया जा रहा है. इसी के मद्देनजर सरकारी अस्पतालों में हर रोज करीब 140 लोगों की तैनाती की जा रही है. प्रदेश में पहली बार पिछले 20 दिनों में 2788 लोगों को विभिन्न पदों पर नियुक्ति की गई है.


सीएम योगी ने अस्पतालों में मानव संसाधन और जरूरी उपकरण बढ़ाने के लिए करीब एक माह पूर्व जरूरी निर्देश दिए थे. करीब 20 दिन पूर्व मानव संसाधन की भर्ती के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर कैबिनेट में मुहर लगाई गई थी. सभी चिकित्सा संस्थानों में अब तक 2288 भर्तियां की गई हैं, जिसमें 46 फैकल्टी, 12 सीनियर रेजिडेंट, 167 जूनियर रेजिडेंट, 140 इंटर्न, 1376 नर्सेज, 292 वार्ड बॉय, 67 तकनीशियन और 184 स्वीपर हैं. विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालयों में कल 11 भर्तियां की गई हैं, जिनमें चार जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर, चार नर्स और दो वार्ड बॉय को नियुक्त किया गया है.


सीएम योगी ने प्रदेश में आरटीपीसीआर जांच दुगुना करने का लक्ष्य भी चिकित्सा शिक्षा विभाग को दिया था. जिसके फलस्वरूप प्रदेश में एक दिन में कल 1,47,913 आरटीपीसीआर टेस्ट किए गए हैं. पहली बार प्रदेश में एक दिन में 1.40 लाख से अधिक आरटीपीसीआर सैंपल का टेस्ट किया गया है. जबकि प्रदेश में रोजाना औसतन करीब सवा तीन लाख से अधिक जांच हो रही है. लैबों में आरटीपीसीआर टेस्ट की क्षमता बढ़ाने को 51 से ज्यादा नई मशीनें लगाई गई हैं. इसमें 35 सेमी आटोमेटिक डीएनए एक्सट्रैक्टर शामिल हैं. इन्हें संचालित करने के लिए करीब 503 पैरा मेडिकल स्टाफ भी नियुक्त किया गया है.


थ्री टी से पॉजिटिविटी दर में आई पर्याप्त कमी

ऐसे लोग जिनके पास कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट नहीं है, लेकिन सांस संबंधी समस्या है, उन्हें होल्डिंग एरिया या प्रीजम्वटीव कोविड वार्ड में भर्ती कर तत्काल ऑक्सीजन दिया जा रहा है. इसके लिए वर्तमान में सभी संस्थानों में 1223 अतिरिक्त बेड्स आरक्षित किए गए हैं. प्रदेश में बेड ऑक्यूपेंसी लगातार कम हो रही है. चिकित्सा शिक्षा विभाग से सम्बंधित मेडिकल कॉलेजों में पिछले 20 दिनों में बेड ऑक्यूपेंसी में 45 फीसदी से अधिक की कमी आई है, जो इस बात का परिचायक है कि ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीतियों के उचित क्रियान्वयन से पॉजिटिविटी दर में पर्याप्त कमी आई है.


हर चिकित्सा महाविद्यालय में होगा ऑनलाइन कंसल्टेशन स्टूडियो

कोविड/नॉन कोविड मरीजों को घर पर ही उपचार और परामर्श उपलब्ध करवाने के लिए ई संजीवनी एप शुरू किया गया है. अब तक ई संजीवनी पर विभिन्न विद्यालयों और महाविद्यालयों के कुल 970 चिकित्सकों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. इन सभी चिकित्‍सकों को आनलाइन प्रशिक्षण दिया गया है और यह चिकित्सक ऑनलाइन रोजाना सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक कंसल्टेशन दे रहे हैं. अब तक कुल 1800 से अधिक लाभार्थियों ने इसका लाभ लिया है. आने वाले दिनों में हर चिकित्सा महाविद्यालय में ऑनलाइन कंसल्टेशन स्टूडियो बनाने पर भी कार्य किया जा रहा है.


वर्तमान में आरटीपीसीआर रिपोर्ट की पेंडेंसी 48 घंटे से कम: आलोक

चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बताया कि वर्तमान में हमने अपने लैबों की क्षमता में वृद्धि की है. कल सभी जिलों के प्रयास के फलस्वरूप कुल 1,47,886 सैंपल कलेक्ट किए गए. पहली बार प्रदेश में एक दिन में 1.40 लाख से अधिक आरटीपीसीआर सैंपल की जांच की गई है. उन्होंने बताया कि जहां प्रथम एक करोड़ टेस्ट करने में प्रदेश को करीब 11 महीने का समय लगा था, वहीं, अगले एक करोड़ टेस्ट केवल साढ़े चार महीने में किए गए हैं. पिछले 50 दिनों में प्रदेश ने 50 लाख से अधिक टेस्ट किए हैं. वर्तमान में टेस्ट रिपोर्ट की पेंडेंसी मात्र 24 घंटे है.


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