पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव प्रचार में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ स्टार प्रचारक हैं. दूसरे राज्यों में दिन भर योगी ताबड़तोड़ चुनाव प्रचार करते हैं और रात को सरकार का काम उसी उर्जा और उत्साह के करते हैं. सीएम की इस उर्जा को देखकर इन दिनों हर कोई हैरान है. योगी दूसरे राज्यों में 1 दिन में 4 से लेकर खींचे सभाएं कर रहे हैं और लौटकर देर रात तक फाइलें मीटिंग प्रेजेंटेशन देखकर जरूरी दिशा निर्देश दे रहे हैं.
राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ रहा योगी का स्टारडम
छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश राजस्थान मिजोरम और तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए योगी भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ स्टार प्रचारक हैं. 23 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के नामांकन से योगी ने चुनावी जनसभाओं की शुरुआत की थी जो एक महीना से अधिक समय बीतने के बाद भी जारी है. छत्तीसगढ़ में 21 मध्य प्रदेश में 17 जनसभाओं के बाद योगी अब राजस्थान में मोर्चा संभाले हुए हैं. वहां अब तक उनकी 15 से अधिक सभाएं हो चुकी हैं. उनकी चुनावी सभाओं की फेहरिस्त राष्ट्रीय स्तर पर योगी के स्टारडम का सबूत हैं.
इस राणनीति से चलाते हैं प्रचार और सरकार
सीएम योगी अपनी कामकाजी छवि को लेकर खासे सतर्क हैं. उन्होंने भरपूर प्रयास किया है कि दूसरे प्रदेशों में चुनाव प्रचार की वजह से राज्य के कामकाज पर कोई फर्क ना पड़े. वह प्रचार के लिए रवाना होने से पहले प्रतिदिन सुबह अपने सचिवालय के वरिष्ठ अफसरों के साथ दिन में होने वाले काम का जो शाम की बैठकों की तैयारी का फीडबैक जरूर लेते हैं. प्रचार के समय में भी वह डे-अफसर के जरिए अपने सचिवालय के वरिष्ठ अफसरों से जुड़े रहते हैं और जरूरी दिशानिर्देश देते रहते हैं. दिन भर के थकान भरे प्रचार अभियान से देर शाम लौटने के बाद उनकी बैठकों का सिलसिला शुरू होता है. वह रोज की तरह फाइलें निपटाते और तय विभागों के साथ बैठकर करते हैं. प्रचार से खाली के दिनों में कई जिलों के भ्रमण पर भी सीएम निकल जाते हैं.
सचिवों को जिले में भेजने की शुरुआत की
मुख्यमंत्री ने इसी बीच अपने सचिवालय के वरिष्ठ अफसरों को नीति आयोग द्वारा पिछड़े घोषित जिले में भेजने की शुरुआत की. 22 नवंबर को मुख्यमंत्री के सचिव मृत्युंजय कुमार नारायण फतेहपुर और चित्रकूट दूसरे सचिव मनीष चौहान को बहराइच श्रावस्ती बलरामपुर और सिद्धार्थ नगर भेजा विशेष सचिव भी इसी श्रेणी वाले जिलों में भेजे गए.
अफसरों के काम-काज पर भी रखते हैं नजर
व्यस्तता में अफसरशाही में कई वरिष्ठ अफसरों के खिलाफ एक्शन भी हुए हैं योगी ने ट्रैफिक की शिकायतें बढ़ने पर अपर पुलिस महानिदेशक यातायात एमके बशाल को हटाया तो गोरखपुर सहित 14 जिलों के कप्तान भी बदल दिए.
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