उत्तर प्रदेश में एक और ऐसा एक्सप्रेस-वे तैयार है जिस पर लड़ाकू विमान उतर सकेंगे. देश का सबसे आधुनिक विमान राफेल पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे (Purvanchal Expressway) पर उतरेगा. जगुआर, मिराज और सुखोई भी अपना दम दिखाएंगे. देश का सबसे आधुनिक विमान राफेल पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर उतरेगा. 16 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 341 किमी लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण करेंगे. उद्घाटन से पहले गुरुवार को भारतीय वायुसेना के 3 जगुआर विमानों ने एयरस्ट्रिप के ऊपर उड़ान भरी. ये तीनों विमान 16 नवंबर को एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन के वक्त यहां पर टच डाउन करेंगे. वहीं शुक्रवार को सीएम योगी ने खुद सुलतानपुर पहुंचकर यहां पर कार्यक्रम के इंतजामों की समीक्षा की.
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, यूपी का दूसरा ऐसा एक्सप्रेस वे है जिसे लड़ाकू विमानों के उतरने के योग्य बनाया गया है. इससे पहले आगरा एक्सप्रेस वे पर भी जेट्स ने उतरकर और उड़ान भरकर अपने कौशल का परिचय दिया है. इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद दिल्ली से गाजीपुर की दूरी 10 घंटे में तय की जा सकेगी.
उद्घाटन पर होगा एयर शो
उद्घाटन के मौके पर एक्सप्रेस-वे रनवे पर भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान एयर शो के जरिए भारतीय सैन्य कौशल का प्रदर्शन भी करेंगे. इसके लिए एक-दो नहीं बल्कि 30 फाइटर जेट्स को पूर्वांचल एक्सप्रेस पर उतारने की तैयारी की जा रही है. इसका अभ्यास आज से शुरू कर दिया गया है. यानी आज से अगले चार दिन तक भारतीय वायुसेना के परवाज पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर लैंडिंग और टेकऑफ करेंगे. ऐसे में पूर्वांचलियों को अगले चार दिन लड़ाकू विमानों की खूब गर्जना सुनाई देगी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यानथ ने खुद एक्सप्रेस वे पर तैयार किए गए लैंडिंग स्ट्रिप का जायजा लेने के लिए आज सुल्तानपुर पहुंचे. जानकारी के मुताबिक 16 नवंबर को पीएम मोदी खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ सी-130 जे सुपर हरक्युलिस विमान से एक्सप्रेंस वे पर लैंड करेंगे. इसके बाद यहां एक शानदार एयरशो होगा जिसके जरिए भारत दुनिया के सामने अपनी रक्षा तैयारियों की झलक पेश करेंगा. लखनऊ के चांद सराय गांव से गाजीपुर के हैदरिया गांव तक बनाए गए इस एक्सप्रेस वे पर 22,494 करोड़ की लागत आई है. 6 लेन के इस एक्सप्रेस वे पर गाड़ियां 100 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी. इसके जरिए महज चार घंटे में लखनऊ से बाराबंकी, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ होते हुए गाजीपुर पहुंचा जा सकेगा.
तीसरी बार हुई इमरजेंसी लैंडिंग
उत्तर प्रदेश में ये तीसरा मौका होगा जब भारतीय वायुसेना के विमान हाइवे पर इमरजेंसी लैंडिंग और टचडाउन की ड्रिल को अंजाम दिया है. इससे पहले 2016 में दिल्ली आगरा और 2017 लखनऊ आगरा एक्सप्रेस हाइवे पर उन्नाव में ड्रिल को अंजाम दिया गया था. इसी की तरह नेशनल हाइवे पर इमरजेंसी लैंडिंग स्ट्रिप भी केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय भी जुटा हुआ है.
आपदा के दौरान इस्तेमाल किया जा सकता है
दरअसल इन हाइवे इमरजेंसी लैंडिंग स्ट्रिप की जरूरत इसलिए भी होती है क्योंकि जंग की सूरत में दुश्मन का सबसे पहले निशान एयर बेस ही होते हैं और इसके चलते अन्य विकल्प भी तैयार किए जाते है. वहीं अगर कभी जंग के दौरान दुशमन के विमानों के साथ एयर इंगेजमेट के बाद एयरक्रफ्ट में फ़्यूल कम होने के चलते वो एयर बेस तक नहीं पहुँच सके तो एसे ही लैंडिंग स्ट्रिप पर आसानी से फाइटर लैंड कर सकते हैं और तीसरा कभी किसी भी आपदा के दौरान राहत बचाव के काम के लिए एसे रनवे का इसेतमाल किया जा सकता है.
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे : एक नजर में
शिलान्यास – 14 जुलाई 2018 पीएम मोदी के कर कमलों से
एक्सप्रेसवे का प्रारंभिक स्थान- एनएच 731 के लखनऊ-सुल्तानपुर रोड पर स्थित लखनऊ का चांदसराय गांव
अंतिम स्थान – एनएच 19 पर गाजीपुर का हैदरिया गांव (यूपी-बिहार बॉर्डर से 18 किमी पहले)
ले आउट – पूर्णतः प्रवेश नियंत्रित 6 लेन, कुल लम्बाई 340.824 किमी
परियोजना की लागत – 22494.66 करोड़ रुपये, भूमि अधिग्रहण समेत
कवर हुए जनपद – 9 (लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ व गाजीपुर)
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )